सीएबी धर्म के नाम पर लोगों को बांटने वाला कानून-शहर काजी

-मुस्लिम धर्मगुरुओं ने बैठक कर बिल को बताया संविधान विरोधी
-सरकार संविधान परिवर्तन की कर रही साजिश


फतेहपुर। सरकार द्वारा लाये गये नागरिकता संशोधन बिल को लेकर शहर काजी फरीदउद्दीन कादरी की अध्यक्षता में एक पीरनपुर स्थित कार्यालय में बैठक आहूत की गयी। जिसमे बड़ी संख्या में धर्म गुरुओं व इमामो ने शिरकत करते हुए बिल पर आपत्ति जताते हुए इसे असंवैधानिक एवं धार्मिक भेदभाव वाला बताते हुए सरकार से इसे वापस लिए जाने की मांग किया। बैठक को सम्बोधित करते हुए शहरकाजी कारी फरीदउद्दीन कादरी ने कहा कि केंद्र सरकार द्वारा लागू किया गया कानून संविधान की धारा 14 व 15 का उल्लंघन करता है। जिसमे देश के सभी नागरिकों को बराबरी का अधिकार दिया गया है। सरकार द्वारा बनाये गए कानून में मुसलमानों को नागरिकता देने से महरूम रखना चाहती है। उन्होंने कहा कि बिल के जरिये सरकार सभी को राहत दे रही है। जबकि मुसलमानों को परेशान करने वाला बताया। साथ ही कहा कि बिल के जरिए देशवासियो को हिन्दू-मुस्लिमो में बांटने की साजिश कर रही है। भारत एक सेक्युलर देश है और हमारा संविधान सभी धर्मों को समानता का अधिकार देता है। काजी-ए-शहर ने कहा कि यह लड़ाई किसी धर्म की नही बल्कि सम्प्रभुता एवं समानता की है। जिसके लिए समाज के सभी धर्मों के धार्मिक, समाजिक एव राजनैतिक संगठनों को मैदान में आकर संघर्ष करना होगा। बैठक में धर्म गुरुओं ने बिल को बाबा साहब अम्बेडकर द्वारा देश के लिये बनाये गए संविधान विरोधी बताते हुए केंद्र सरकार द्वारा संविधान को बदलने की साजिश करार देकर बिल को वापस लिए जाने की मांग किया। इस मौके पर अब्दुल अजीज, शमीम अख्तर, कारी नेहाल अहमद, हाफिज मो0 हारून, हाजी फरीद अहमद, शोएब खान, हाफिज मोहसिन, मौलाना शफीक आदि मौजूद रहे।