प्रधानमंत्री के आने से पहले गंगा में बढ़ा पानी, डेंजर प्वाइंट पर पहुंच रहे सेल्फीबाज
 

- हादसे का इंतजार कर रहा प्रशासन, युवाओं को लुभा रही गंगा की किलकिलाती आवाज
कानपुर । प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शहर आगमन को लेकर गंगा में बराबर पानी छोड़ा जा रहा है। गंगा में पानी बढ़ने से गंगा बैराज के डेंजर प्वाइंट पर युवाओं की भीड़ फिर बढ़ने लगी और सेल्फीबाज गंगा की किलकिलाती आवाज के बीच सेल्फी लेने में मस्त देखे गये। वहीं प्रशासन अभी पूरी तरह से निष्क्रिय दिखाई दे रहा है और ऐसे में कभी भी हादसा हो सकता है। जबकि गंगा बैराज पर फोटो लेने के शौक की वजह से न जाने कितने लोग अपनी जान गवां चुके हैं। इसके बावजूद सेल्फी का यह शौक खत्म नहीं हो रहा है। 
गंगा बैराज पर मोड़ के पास पर नीचे उतरकर बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। बैराज पर यह वहीं प्वाइंट है, जिसे प्रशासन की तरफ से डेंजर जोन घोषित किया जा चुका है। यहां से पानी और काई की फिसलन से न जाने कितने लोग अपनी जान गवां चुके हैं। इसके बावजूद हालात में सुधार नहीं दिख रहे हैं। रविवार को एक बार फिर से लापरवाही का वही नजारा दिखाई दिया। बैराज के डेंजर जोन या फिर डेथ प्वाइंट पर दर्जनों युवक-युवतियां पानी में उतरकर सेल्फी के अपने शौक को पूरा करते रहे। इन्हें रोकने-टोकने के लिए न तो गोताखोर दिखाई दिए और न ही बैराज पर चेकिंग करने वाली पुलिस। सेल्फी के शौक में ये युवा लगातार अपनी जान को खतरे में डालते रहे। गौरतलब हो कि 14 दिसंबर को प्रधानमंत्री को नमामि गंगे मिशन की समीक्षा करने गंगा बैराज आ रहे हैं। पीएम की यह बैठक गंगा की धारा पर ही होनी है। इस वजह से यहां पर सुरक्षा के इंतजाम और सख्त होने चाहिए, लेकिन रविवार को सुरक्षा के यह इंतजाम कहीं भी नजर नहीं आए।
नरौरा से छोड़ा गया पानी
प्रधानमंत्री की इस बैठक और निरीक्षण की वजह से गंगा बैराज पर जलस्तर भी लगातार बढ़ रहा है। नरोरा से लगातार छोड़े जाने की वजह से गंगा का जलस्तर रोजाना बढ़त पर है। इस वजह से डेंजर प्वाइंट पर खतरा और बढ़ जाता है। इसके बावजूद लोग नीचे उतरकर दो फुट पानी के अंदर खुद की फोटो लेते रहे।
प्रशासन ने लगवाई थी जाली
गंगा बैराज के डेंजर प्वाइंट पर होने वाले हादसों को रोकने के लिए तत्कालीन एडीएम सिटी अविनाश सिंह ने यहां पर लोहे की जालियां लगवाई थी। इसके साथ ही गोताखोरों की भी नियुक्त की गयी थी। लेकिन बारिश में जब गंगा का जलस्तर बढ़ा तो लोहे की जालियां बह गईं और मानदेय न मिलने की वजह से गोताखोर भी किनारे हो गए। इसके बाद से लगातार डेंजर प्वाइंट पर प्रशासन की ओर से कोई व्यवस्था नहीं है, यह अलग बात है कि जब हादसे हो जाते हैं तो पुलिस की ड्यूटी लगा दी जाती है। जब से प्रशासनिक व्यवस्था टूटी तो यहां पर यहां पर कई हादसे हो चुके हैं। ऐसे में अगर अब हादसे होते हैं तो इसकी आवाज प्रधानमंत्री तक जाएगी और प्रशासन जवाब देने में अपने को पशोपेश में रहेगा। हालांकि जिलाधिकारी विजय विश्वास पंत ने कहा कि गंगा बैराज पर किसी प्रकार की अव्यवस्था नहीं होने दी जाएगी।