कानपुर में हिंसा फैलाने वाला नवां आरोपी भी हुआ गिरफ्तार, भेजा गया जेल

- यतीमखाना क्षेत्र में उपद्रवी ने साथियों संग पुलिस पर किया था पथराव
- 50 अन्य बवालियों की पहचान के साथ धरपकड़ के लिए लगी पुलिस की टीमें
- उपद्रवियों की बवाल में संलिप्तता के आधार पर की जाएगी एनएसए की कार्यवाही

कानपुर । जनपद में बीते शुक्रवार को जुमे की नमाज के बाद नागरिकता संशोधन एक्ट के विरोध में प्रदर्शन किया गया। यतीमखाना क्षेत्र में हुआ विरोध प्रदर्शन हिंसक हो गया और रुक/रुककर तीन दिनों तक पुलिस लाठियां भांजती रही। बवाल शांत होने के बाद पुलिस उपद्रवियों की तलाश में जुट गयी और दूसरे दिन बुधवार को भी एक उपद्रवी को गिरफ्तार करते हुए जेल भेज दिया। अब तक पुलिस नौ उपद्रवियों को गिरफ्तार कर चुकी है और बाकी की उपद्रवियों की पहचान में जुटी हुई है।
जिले में बीते जुमे की नमाज के बाद दंगा भड़काने वाले बवालियों की पहचान के साथ पुलिस ने कार्यवाही तेज कर दी है। बेकनगंज इलाके के यतीमखाना क्षेत्र में दंगा भड़काने व उपद्रव करने वाले आठ बवालियों को मंगलवार को पकड़ कर जेल भेज दिया गया। इसके बाद बुधवार को एक और बवाली को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की गिरफ्तारी के बाद बवाली बेकनगंज निवासी अकील के पक्ष में कई रसूखदार व्यक्ति थाने पहुंचे और उसे निर्दोष बताया। जिस पर पुलिस ने फोटो के साथ वीडियो दिखाया जिसमें साफ दिख रहा था कि अकील उस दिन नीले रंग की जाकेट पहने पुलिस पर पत्थरबाजी कर रहा है और भीड़ को उकसा रहा है। वीडियो देखने के बाद पैरोकारी पहुंचे रसूखदार व्यक्ति वापस लौट गये और पुलिस उसके खिलाफ कार्रवाही करते हुए जेल भेज दिया।
पुलिस अधीक्षक पूर्वी राज कुमार अग्रवाल ने बताया कि बेकनगंज थाना पुलिस ने बुधवार को भी अकील नाम के एक बवाली को गिरफ्तार किया है। अब तक यतीमखाना में हुए बवाल के आठ उपद्रवियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। इन सभी आरोपियों से हिंसा के दौरान की गई सरकारी व प्राइवेट सम्पत्ति की क्षति की भरपाई के लिए वसूली की जा रही है। साथ ही मुकदमा दर्ज करते हुए जेल भेजकर अग्रिम कार्रवाई की जा रही है।
उपद्रवियों पर संलिप्तता के आधार पर लगेगी एनएसए -
कानपुर में हिंसा फैलाने वाले उपद्रवियों पर एनएसए की भी कार्रवाई की जाएगी। इसको लेकर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अनंत देव ने बताया है कि बवाल के दौरान जिन बवालियों के नाम सामने आएंगे व आए हैं, दोनों की जांच होगी। अगर जांच में सामने आया कि भीड़ की आड़ में इन लोगों द्वारा पूर्व योजना के आधार पर सुनियोजित तरीके से दंगा करने व हिंसा फैलाने का काम किया गया, तो निश्चित ही बवालियों पर एनएसए के तहत कार्यवाही की जाएगी। लेकिन किसी भी निर्दोष के खिलाफ न ही गिरफ्तारी की जाएगी और न ही उसे जेल भेजा जाएगा।