जश्ने गौसुलवरा व इस्लाहे मआशरा का तीसरा जलसा चमनगंज मे आयोजित
कानपुर:शहंशाहे बगदाद सरकार गौसे आजम रजि अल्लाहु अन्हु की बारगाह मे खिराजे अकीदत पेश करने के लिए तन्जीम बरेलवी उलमा-ए-अहले सुन्नत के जेरे एहतिमाम छठा सालाना 11 रोजा इजलास जशने गौसुलवरा व इस्लाहे मआशरा का तीसरा जलसा चमनगंज जुबली रोड के पास मे हुआ जिसकी सरपरस्ती तन्ज़ीम के सरपरस्त-ए-आला हज़रत अल्लामा सैयद मोहम्मद अकमल अशरफी ने की उन्होने खिताब फरमाते हुए कहा कि सरकार ग़ौसे आज़म वलियों के इमाम हैं, आपको अल्लाह तआला ने करामतों का ख़जाना अता फरमाया, आपको अल्लाह तआला ने मक़ामे महबूबियत पर फाएज़ फरमाया, आपको अल्लाह तआला ने इमामुल औलिया बनाया, आपको अल्लाह तआला ने वलियों में वह मक़ाम अता किया जो मक़ाम सुलताने दो जहाँ को नबियों में अता फरमाया था

आपसे ज़्यादा करामात का ज़हूर ना आपसे पहले किसी वली से हुआ और ना आपके बाद होगा, आप किसी चीज़ का गुमान भी कर लेते थे तो आपका मौला उसे पूरा फरमा दिया करता था आप फरमाते है कि अगर मेरा मुरीद मशरिक मे होकर मुझे याद करे या गौस अल मदद की सदा लगाए और मै मगरिब मे हूँ तो भी मै उसकी मदद करूँगा अगर हम सही मानो मे गौसे आजम के दामन को मजबूती से पकड़ लेॆं तो हम दोनो जहॉ मे कामयाब रहेंगे इसीलिए तो आला हजरत फरमाते हैं कि (क़ादरी कर क़ादरी रख क़ादरियों मे उठा,कद्र-ए-अब्दुल क़ादिरी क़ुदरतनुमा के वास्ते)  

मस्जिद जरीब चौकी के पेश इमाम मौलाना मुहिब रज़ा हबीबी ने खिताब फरमाते हुए कहा सरकार गौसे आजम मादर ज़ाद वली हैं और पैदा होने से पहले ही दीने पाक का बेहद पास व लिहाज़ करने वाले हैं

आपके पैदा होने से पहले आपकी वालिदा को हमारे आक़ा अलैहिस्सलाम ने ख़ुश्ख़बरी दी कि तेरे पेट में वह बच्चा है जो मेरा चहीता और वलियों का ताजदार है

आपकी वालिदा फरमाती हैं कि आपके पैदा होने से पहले मैं नमाज़ बड़े सुकून से पढ़ा करती थी एक रोज़ कुछ काम की वजह से नमाज़ और दिनों के ब निस्बत कुछ जल्दी पढ़ने लगी तो मेरे पेट से आवाज़ आई अम्मी जान नमाज़ सुकून से पढ़िये जल्दी मत कीजिये, मैं हैरान हुई कि घर में कोई बच्चा तो है नहीं फिर यह अम्मी कौन कह रहा है?

सोचा मेरा वहम होगा, मैं फिर नमाज़ पढ़ने लगी, फिर वही आवाज़ आई, ग़ौर किया तो पता चला कि आवाज़ देने वाला मेरा नूरे नज़र अब्दुल क़ादिर है जिसे पैदा होने से पहले भी दीने पाक का इतना पास व लिहाज़ है जलसे की सदारत तन्जीम के सदर कारी सैयद मोहम्मद फैसल जाफरी और निजामत कारी आदिल रज़ा अज़हरी ने की इससे पहले जलसे का आगाज तिलावते कुरआन पाक से हाफिज फुज़ैल अहमद रज़वी ने किया सैयद सुफियान अज़हरी,मोहम्मद अबरार ने नात पाक पेश की जलसा सलातो सलाम व दुआ के साथ खत्म हुआ जलसे के बाद शीरनी तकसीम की गई इस मौके पर हाफिज़ वाहिद अली रज़वी,हाफिज़ नूर आलम अज़हरी,मोहम्मद सादिक़ जाफरी,मोहम्मद सिद्दीक़ जाफरी,अब्दुलहई,नदीम जाफरी,इक़बाल मीर खाँ,ज़मीर खाँ,मोहम्मद ईशान,आफताब अजहरी,मोहम्मद मोईन जाफरी आदि लोग मौजूद थे!