जशने गौसुलवरा व इस्लाहे मआशरा का पाँचवॉ जलसा नूरानी मस्जिद शुजातगंज मे हुआ
कानपुर, अल्लाह तआला ने ग़ौसे आज़म को बेशुमार करामतें अता फरमाई थीं, हज़रते मुल्ला अली क़ारी लिखते हैं कि आपकी करामतों के बराबर किसी दूसरे वली की करामत नहीं, बल्कि आप ख़ुद सरापा करामत हैं

तवातुर के साथ आपकी करामतों का होना साबित है, और यह करामात आपको इसलिये दी गई थीं ताकि लोग जान लें कि आपको अल्लाह के कितने अज़ीम मक़ाम पर फाएज़ किया है, बादे हज़रते ईसा अलैहिस्सलाम मुर्दे को जिन्दा करने की करामत किसी वली से सादिर ना हुई सिवाए आपके, इससे अन्दाज़ा लगाया जा सकता है कि आपकी शान कितनी अज़ीम है इन ख्यालात का इज़हार तन्जीम बरेलवी उलमा-ए-अहले सुन्नत के जेरे एहतिमाम नूरानी मस्जिद चन्दारी शुजातगंज मे हुए जशने गौसुलवरा व इस्लाहे मआशरा के पाचवें जलसे से मदरसा मख्दूमिया सिराजुल उलूम के मुदर्रिस मुफ्ती अब्दुल्लाह ने किया मुफ्ती क़ासिम रज़ा अमजदी की सरपरस्ती व तन्जीम के सदर कारी सैयद मोहम्मद फैसल जाफरी की सदारत मे हुए जलसे से मौलाना ने आगे कहा कि -

एक बार सरकार गौसे आजम का गुज़र बाज़ार से हुआ एक दुकान पर देखा कि उब्ले हुए अन्डे बिक रहे हैं, आप दुकान के क़रीब जाकर खड़े हो गए और अन्डे देख कर फरमाने लगे कि यह अन्डे कितने सफेद और कितने ख़ूबसूरत हैं, अगर इन अन्डों से चूज़े (बच्चे) निकलते तो वह भी बड़े ख़ूबसूरत होते, आपके इतना फरमाते ही सारे उब्ले हुए अन्डों से चूज़े निकल आए और बाज़ार में हर एक ने आपकी इस करामत को देखा हमें औलियाए किराम के मज़ारात पर हाजिरी के साथ साथ हाजिरी के आदाब भी सीखने चाहियें, अगर हमें औलिया के बारगाह के आदाब आ जाएँ तो यक़ीनन वह हमें ख़ूब अता करेंगे

जब हम उनकी बारगाह में हाजिर हों तो बा वुज़ू होकर, मज़ारे पाक के सामने अदब से हाथ बाँधे और आँखें बन्द हों, दिल में ख़ौफे ख़ुदा और आँखों में शर्मिन्दगी के आँसू लेकर अपने रब के हुज़ूर दुआ करें और अपने उस प्यारे वली के दामन को मज़बूती से पकड़ कर अर्ज़ करें कि हुज़ूर मैं निकम्मा सही लेकिन हूँ तो आपका ही ग़ुलाम, आप ही ना अता करेंगे तो कौन अता करेगा, बस दामन से लिपट जाइये और रोते रहिये वह ज़रूर अता करेंगे क्यूँकि अल्लाह के वली सब कुछ देख सकते हैं मगर उनसे हमारा रोना नहीं देखा जाता इससे पहले जलसे का आगाज तिलावते कुरआन पाक से हाफिज मोहम्मद मसऊद ने किया और निजामत मौलवी मोहम्मद फैज़ ने की हाफिज़ लारैब,मौलवी मोहम्मद हुसैन,शोएब अज़हरी ने नात पाक पेश की जलसा सलातो सलाम व दुआ के साथ खत्म हुआ जलसे के बाद शीरनी तकसीम हुई इस मौके पर मौलाना आबिद हुसैन,मौलाना मोहम्मद तौसीफ,हाफिज़ मोहम्मद शमशाद,हाफिज़ फुज़ैल अहमद रज़वी,हाफिज़ तन्वीर निज़ामी,गाज़ी सुल्तान अहमद,आफताब अज़हरी,मुन्ना भाई,सैयद शाबान,शाहनवाज़ अन्सारी आदि लोग मौजूद थे!