HBTU : गोल्ड मेडल पाने वाले विद्यार्थी दहेज रहित करें शादी - आनंदीबेन पटेल 



-प्रदेश में बढ़ते प्रदूषण का शोध से समाधान निकालने की राज्यपाल ने शोध विद्यार्थियों को दी नसीहत
-हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय के पहले दीक्षांत समारोह का राज्यपाल ने दीप प्रज्जवलित कर किया उद्घाटन 

 

कानपुर । आज यहां जिन छात्र-छात्राओं को गोल्ड, सिल्वर, कांस्य पदक व उपाधि मिली हैं, यह उनके परिश्रम का परिणाम है। मेडल को हमेशा अपने बिस्तर के पास रखकर रोज देखें ताकि आपको उपाधि मिलने की याद ताजा रहे सके। लेकिन इस मेडल के जरिए आप अपनी शादी आदि में गोल्ड, मकान व आर्थिक उपभोग की वस्तुओं की मांग नहीं करना। यह बात उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने शनिवार को कानपुर के हरकोर्ट बटलर प्राविधिक विश्वविद्यालय (एसबीटीयू) के प्रथम दीक्षांत समारोह में कही। 
राज्यपाल ने यह बात मौजूदा समय में आर्थिक संसाधन जुटाने की होड़ और देहज की कुप्रथा को लेकर कही। कहा कि हमारे समाज में दहेज प्रथा को जड़ से समाप्त करना होगा। उन्होंने कहा कि अपने हुनर को अपना कौशल बनाकर तकनीक व शोध के जरिए अपने भविष्य को उज्जवल बनाने की नसीहत दी। कहा कि, प्रदेश के कई शहरों में बढ़ते प्रदूषण की विकराल समस्या पर चिंता व्यक्त की। इस समस्या से निपटने के लिए उन्होंने संस्थान के छात्र-छात्राएं ऐसी तकनीक बनाए की पराली को जलाने व प्रदूषण की समस्या को हल करने को लेकर नई शोध विद्या विकसित कर हल करने की बात कही। कहा कि पराली के उपयोग से ऐसे उपकरण बनाए जाएं, जो आम आदमी के लिए लाभदायक साबित हो सके। इन समस्याओं को लेकर संस्थान के प्रोफेसरों को भी नई तकनीक पर नवाचार के साथ आगे आना चाहिए।
कमजोर लोगों के उत्थान के प्रति करे कार्य 
राज्यपाल ने कहा कि, समाज, परिवार, देश, प्रदेश, में वही व्यक्ति निष्ठापूर्ण कार्य कर सकता है, जिसको बचपन में अच्छे गुण दिये गये हो और उसे व्यवसायिक, आचार-विचार एवं सकारात्मक विचार में बल मिलेगा। उन्होंने युवा पीढ़ी से कहा कि समाज में सम्पूर्ण विकास करने के लिए समाज के कमजोर लोगों के उत्थान के प्रति कार्य करना होगा। देश के विकास के लिए अंतिम व्यक्ति तक प्रत्येक योजना का लाभ पहुचना चाहिए। स्वंय को खुशी जीवन बनाने के लिए अपने सभी जीवन मूल्यों को अपनाना होगा तभी आप और आपका परिवार सुखी रहेगा और भारतीय मूल तत्वों को जानना एवं जीवन में उताराना होगा। छात्रावास में वातावरण अच्छा होना चाहिए और शिक्षक को छात्रों के प्रति स्नेह पूर्ण व्यवहार एवं संवेदनशील रहकर शिक्षा का ज्ञान देना चाहिए जिससे छात्रों को पूर्ण शिक्षा का ज्ञान मिल सके।
उन्होंने कहा कि जो विद्यार्थी शिक्षा के अलावा शोध, लेखन, पेटिंग, स्पोर्ट, गीत-संगीत आदि में रुचि लेकर कालेज का नाम रोशन करते हैं, तो उन्हें भी दीक्षांत समारोह में सम्मानित किया जाए, इसके साथ ही जनपद में कई लोग अपने क्षेत्र में बहुत अच्छा कार्य कर रहें है ऐसे आठ से 10 नागरिकों को चिन्हित कर दीक्षांत समारोह में सम्मान दिलाया जाएं जिससे यहां के विद्यार्थी उस क्षेत्र में जाएं तो उनको नई प्रेरणा मिल सके। प्राथमिक विद्यालय में जो छोटे-छोटे बच्चे शिक्षा लेने आते है और जब वो गलती करते है तब शिक्षक बच्चों को समझाकर सुधारें जिससे वे बड़े होकर गलत रास्ता न अपनायें। उन्होंने कहा कि आज कल के बच्चे मोबाइल का प्रयोग अधिक कर रहे हैं उन्हें देखना होगा कि उसका प्रयोग कही गलत तो नहीं कर रहा है यह चिन्ता का विषय है। अच्छी शिक्षा किताबों से मिलती है वाहट्सअप की आदत बच्चों से दूर करना होगा।
कुपोषण करने पर राज्यपाल ने दिया जोर
राज्पाल आनंदी बेन पटेल ने कहा कि बाल विवाह नहीं करना चाहिए, क्योंकि जल्दी विवाह करने से बेटियों का शारीरिक विकास नहीं हो पाता है। कुपोषित 100 प्रतिशत बालिकायें में से 16 प्रतिशित बालिकायें कुपोषित पाई गयी जिनका हिमोग्लोबिन कम है उन्हें उचित पौष्टिक आहार लेना होगा। शिक्षा के क्षेत्र में भारत सरकार और प्रदेश सरकार काफी धनराशि व्यय करती है तो हमारा दायित्व है कि हम अच्छे से शिक्षा ग्रहण कर जीवन निर्वाहन करें।
प्रदेश सरकार में प्राविधिक शिक्षा मंत्री कमल रानी वरूण ने कहा कि इस विद्यालय के अनेक छात्रों ने देश-विदेश में नाम रोशन कर उच्च स्थान प्राप्त किया है। आज देश के विकास की तुलना औद्योगिक विकास से की जाती है, इसलिए जनशक्ति का बढ़ावा देना होगा। उन्होंने कहा कि स्मार्ट क्लास, लैंग्वेज, ऑनलाइन कोचिंग, विद्यालय को डिजिटल कराये जाने की प्राथमिकता पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है। 
समय बर्बाद न करें मोबाइल पर 
राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा कि स्कूली छात्र व्हाट्सएप व मोबाइल पर अपना समय गुजार रहे हैं जो कि गलत है। शिक्षकों को चाहिए कि उन्हें ऐसी पुस्तकों का अध्ययन कराएं जिससे वे इनसे दूर होकर उसको के करीब पहुंचे। अच्छी किताबें मोबाइल से उन्हें दूर करेंगी और यही उनके संस्कार की बुनियाद बनेंगी।
मुख्य अथिति प्रो0 संजय गोविन्द धांडे ने कहा कि शिक्षा एवं व्यवसाय व्यक्ति के अभिन्न अंग है। पहले शिक्षा के बाद इतना दबाव नहीं होता था लेकिन अब डिग्री मिलने के बाद जीवन के प्रति कर्तव्यों का भार अधिक आ जाता है। उन्होंने 'चैतरफा शिक्षा निरन्तर शिक्षा' युवा वर्ग को नारा दिया है।
इस अवसर पर प्रमुख सचिव प्राविद्यिक शिक्षा राधा चौहान, कुलपति एचबीटीयू नरेन्द्र बहादुर सिंह, एचबीटीयू एवं प्राथमिक विद्यालय के शिक्षक व छात्र-छात्रायें सहित संबंधित अधिकारी/कर्मचारी, अभिभावकगण उपस्थित रहें।