अनाज व दालों को जीएसटी के दायरे में लाने का विरोध कर सांसद को सौंपा ज्ञापन  


ऑनलाइन विदेशी कंपनियों पर व्यापारियों ने की कार्यवाई की मांग 

 

 

कानपुर। ऑनलाइन व्यापार और अनाज व दालों को जीएसटी के दायरे में लाने का विरोध करते हुए व्यापारियों ने भाजपा सांसद को ज्ञापन सौंपा। व्यापारियों ने कहा कि अनाज और दालों को जीएसटी के दायरे में लाने से आम इंसान पर सबसे ज्यादा फर्क पड़ेग़ा। व्यापारियों के विरोध पर सांसद ने उन्हें आश्वासन दिया है कि इन दोनों मुद्दों को सरकार तक पहुंचाने के साथ ही संसद में भी उठाएंगे।  
रविवार को अखिल भारतीय उद्योग व्यापार मंडल के प्रदेश महामंत्री ज्ञानेश मिश्र की अगुवाई में व्यापारी सांसद सत्यदेव पचौरी के काकादेव स्थित आवास पर पहुंचे।व्यापारियों ने कहा कि,ऑनलाइन विदेशी कंपनियां भारत सरकार के एफडीआई के नियमों का उल्लंघन कर रही है। इसके बावजूद इन पर कोई कार्रवाई नहीं हो रही है। इन पर नियंत्रण के लिए व्यापारियों ने नियामक आयोग गठित करने की मांग की। इसके साथ ही कहा कि जीएसटी की प्रस्तावित बैठक में नियम (36;4) को समाप्त करने से अनाज,दालों आदि के सामने मुश्किल स्थिति आ जाएगी।  
व्यापारियों ने कहा कि कर मुक्त अनाज और दालों को जीएसटी के दायरे में लाने से गलत प्रभाव पड़ेगा। उन्होंने जीएसटी काउंसिल की बैठक में करमुक्त अनाज, दाल और अन्य को जीएसटी के दायरे में न लाने की मांग की। इसके साथ ही जीएसटी के नए नियम को वापस लेने,टिंबर पर टैक्स खत्म करने,सिंघाड़ा और खजूर को करमुक्त करने,मंडी शुल्क खत्म करने समेत अन्य मांगे की गईं। ज्ञापन देने वालों में रोशन गुप्ता,चंद्राकर दीक्षित,शैलेंद्र पांडेय,अनुराग साहू समेत अन्य लोग रहे।