प्रदूषण की खबर पढ़ने में कानपुर का होने के नाते होती हैं चिंता : राष्ट्रपति

- कानपुर नगर निगम को पहली बार संबोधित करने वाले राष्ट्रपति बने रामनाथ कोविंद
- सदन में महिलाओं की 37 प्रतिशत भागीदारी पर जताई खुशी, पार्षदों से कहा बिना भेदभाव के करें विकास 
- महापौर ने स्मार्ट सिटी बनाने को लेकर नगर निगम की सौंपी चाभी



 

कानपुर । कानपुर नगर निगम के लिए शनिवार का दिन इतिहास बनकर आया और हो भी क्यों न, जब पहली बार देश के किसी राष्ट्रपति ने सदन को संबोधित किया। सदन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कानपुर के बढ़ते प्रदूषण पर चिंता व्यक्त की और कहा कि जब मैं दिल्ली में कानपुर के प्रदूषण की खबरें पढ़ता हूं तो कानपुर का होने के नाते चिंता होती है। ऐसे में सभी पार्षद बिना भेदभाव के क्षेत्र में काम करें, जिससे प्रदूषण के स्तर को कम किया जा सके। 
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद शनिवार को दो दिवसीय दौरे पर अपने गृह जनपद कानपुर पहुंचे। यहां पर पीएसआईटी और सीएसजेएमयू के बाद नगर निगम पहुंचे और सदन को संबोधित किया। उन्होंने कहा कि मैं जो भी हूं और जैसे भी हूं कानपुर की धरती और लोगों के आर्शीवाद से हूंॅं। मैं तो कानपुर देहात के छोटे से गांव से साधारण परिवार से निकला हुआ हॅूं और कानपुर नगर ने मुझे दिल्ली तक पहुंचाया। अपने पुराने दिनों को याद करते हुए कहा कि जब मैं यहां डीएवी कालेज में हॉस्टल में रहकर पढ़ता था तो गर्मियों में नगर निगम के मोतीझील आते थे। 
आगे कहा कि मुझे ज्ञात हुआ कि सदन में 37 फीसदी महिलाओं की भागीदारी है जो महिला सशक्तिकरण का परिचायक है। लेकिन इन सभी महिला पार्षदों से मेरी अपील है कि कानपुर को स्वच्छता को लेकर आगे आयें और क्षेत्र की फैली गंदगी को दूर करने में बढ़-चढ़कर भाग लें। वहीं सदन के सभी पार्षदों को भी नसीहत दी कि बिना भेदभाव के क्षेत्र का विकास करायें और कर्तव्यों का पालन करें। वहीं रास्ता बंद होने से जनता को होने वाली तकलीफों का संज्ञान लिया। नगर निगम सदन में राष्ट्रपति ने प्रशासनिक अफसरों को नसीहत देते हुए कहा कि उनके आने पर ऐसी व्यवस्थाएं करें, जिससे जनता को कम से कम तकलीफ पहुंचे। इसके साथ ही नगर निगम अफसरों को स्मार्ट टेक्नोलॉजी का उपयोग करते हुए कूड़े से बिजली और मलबे से ईंट, टाइल्स आदि के निर्माण की योजनाओं पर काम करने को कहा।
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को जब महापौर प्रमिला पांडेय ने चांदी की चाभी भेंट की, तो वह भी चौंक पड़े। राष्ट्रपति ने महापौर से पूछा कि यह चाभी कहां की है, राष्ट्रपति ने कहा कि इतनी बड़ी चाभी उन्होंने कभी नहीं देखी, तो महापौर ने बताया कि यह पूरे शहर की चाभी है। इस पर राष्ट्रपति ने उसे ग्रहण किया। इस दौरान राष्ट्रपति ने नगर निगम के पहले महापौर राम रतन गुप्ता को भी याद किया।
सदन में संबोधन के दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने इशारों-इशारों में यहां होने वाले हंगामे का जिक्र कर ही दिया। राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें मालूम है कि यहां के पार्षद बहुत उत्साही हैं। इस दौरान वह पूछ बैठे कि वर्तमान में नगर निगम सदन में जो कुर्सियां हैं, वह अलग-अलग हैं या फिर जमीन से तटस्थ हैं। राष्ट्रपति की इस बात पर पूरा सदन तालियों से गूंज उठा।
राष्ट्रपति ने कहा कि उन्हें बताया गया कि यहां पर सॉलिड वेस्ट और टेनरी वेस्ट के निस्तारण पर तेजी से काम हो रहा है। इसके बावजूद कानपुर का नाम प्रदूषित शहरों में आना चिंताजनक है। उन्होंने कहा कि समय स्मार्ट टेक्नोलॉजी का है, इसलिए इस तकनीक का प्रयोग करते हुए कूड़े से बिजली बनाने का काम किया जाए। इमारतों के मलबे से ईंट और टाइल्स बनाने का काम हो। राष्ट्रपति ने कहा कि तकनीक से ही प्रदूषण बढ़ा है और तकनीक से ही इसे कम किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि दिल्ली में बड़े पैमाने पर मलबे से ईंट और टाइल्स बनायी जाती हैं।
महापौर प्रमिला पाण्डेय के अनुरोध पर राष्ट्रपति ने पार्षदों के साथ ग्रुप फोटोग्राफ भी खिंचाई। नगर निगम के मुक्तांगन में राष्ट्रपति के साथ उनकी पत्नी सविता कोविंद, राज्यपाल आनंदीबेन पटेल, डिप्टी सीएम दिनेश शर्मा, महापौर प्रमिला पांडेय, नगर आयुक्त अक्षय त्रिपाठी रहें।