जनपद में फाइलेरिया अभियान 25 नवम्बर से 30 दिसंबर तक

• ब्लॉक सरसौल में स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप करेंगे  उद्घाटन

• ग्रामीण क्षेत्रों में अभियान 25 नवम्बर से 10 दिसंबर तक 

• नगरीय क्षेत्रों में अभियान 16 दिसंबर से 30 दिसंबर तक 



कानपुर, 22  नवम्बर 2019

फाइलेरिया अभियान के मद्देनजर इस बार कानपुर जिला खास है क्योंकि इसकी शुरुआत स्वयं स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह सोमवार को कानपुर से करने जा रहे हैं। मंत्री के आने की सूचना मिलते ही इस अभियान की शत प्रतिशत सफलता के लिए स्वास्थ्य विभाग दिन रात तैयारी में जुट गया है।

नोडल अधिकारी डॉ आरएन सिंह ने बताया कि जनपद के ग्रामीण क्षेत्र में फाइलेरिया मुक्ति 25 नवंबर से शुरू होकर 10 दिसंबर तक चलेगा। जबकि नगरीय क्षेत्र में यह अभियान 16 दिसंबर से 30 दिसंबर तक चलाया जायेगा। उन्होने बताया कि आज ही सूचना मिली है कि इस अभियान का उदघाटन करने के लिए स्वास्थ्य मंत्री जय प्रताप सिंह करने आ रहे हैं। मंत्री जी ग्रामीण क्षेत्र ब्लॉक सरसौल में फाइलेरिया अभियान का उद्घाटन करेंगे।  

नोडल अधिकारी ने बताया की जनपद कानपुर नगर के नगरीय क्षेत्रों में आई0डी0ए कार्यक्रम के अनतर्गत की जाने वाली सम्पादित  की जाने वाली गतिविधियों को 16 दिसंबर से 30 दिसंबर तक सम्पादित कराये जाने की अनुमति मांगी गयी थी। इसके लिए प्रमुख सचिव, चिकित्सा स्वाथ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तर प्रदेश शासन एवं सचिव, चिकित्सा स्वाथ्य एवं परिवार कल्याण, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा जनपद के समस्त नगरीय क्षेत्रों में आई0डी0ए कार्यक्रम के अनतर्गत की जाने वाली गतिविधियों को 16 दिसंबर से 30 दिसंबर तक कराये जाने की अनुमति प्रदान की गयी है। साथ ही निर्देशित किया गया है कि जनपद के ग्रामीण क्षेत्रों में कार्यक्रम से सम्बंधित समस्त गतिविधियां पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कार्यक्रम की गुणवत्ता को ध्यान में रखते हुए सम्पादित कराईं जाएं।  

गौरतलब है कि इस चरण में उत्तर प्रदेश के 19 जिलों में फाइलेरिया अभियान चलाया जा रहा है। इन 19 जनपदों को दो हिस्सों यानि ट्रिपल ड्रग और डबल ड्रग में बांटा गया है। ट्रिपल ड्रग के अंतर्गत 11 जिले कानपुर नगर, कानपुर देहात, उन्नाव, सीतापुर, प्रयागराज, लखीमपुर खीरी, मिर्जापुर, प्रतापगढ़, चंदौली, फतेहपुर और हरदोई हैं। वहीं डबल ड्रग के अंतर्गत 8 जनपद कौशांबी, रायबरेली, सुलतानपुर, औरैया, इटावा, फर्रुखाबाद, कन्नौज और गाजीपुर हैं।

संयुक्त निदेशक, फाइलेरिया डॉ. वी. पी. सिंह ने फोन पर बताया कि अभियान के तहत दो से पांच साल के बच्चों को डी.ई.सी. की 100 मिलीग्राम की एक गोली और अल्बेंडाजोल की 400 मिलीग्राम की एक गोली दी जाती है। छह से 14 साल के बच्चों को डी. ई. सी. की 100 मिलीग्राम की दो गोलियां और अल्बेंडाजोल की 400 मिलीग्राम की एक गोली दी जाती हैं, जबकि 15 साल और उससे ऊपर के लोगों को डी. ई. सी. की तीन गोलियां और अल्बेंडाजोल की 400 मिलीग्राम की एक गोली खिलायी जाती है। दो साल से कम उम्र के बच्चों, गर्भवती महिलाओं और गंभीर रोगियों को यह दवा नहीं खिलायी जाती है। डी. ई. सी. की गोली को खाली पेट नहीं खाना चाहिए और अल्बेंडाजोल की गोली को चबाकर खाना चाहिए। इसके साथ ही इन दवाओं को स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों के सामने ही खाना होता है।