इस्लाहे मुआशिरा वक़्त की एक अहम ज़रूरत है:मौलाना हस्सान क़ादरी
------जौहर एसोसिएशन के ज़ेरे एहतिमाम चमनगंज मे जश्ने आमदे रसूल मनाया गया------

 

कानपुर:समाजी तन्जीम मौलाना मोहम्मद अली जौहर एसोसिएशन के बैनर तले चमनगंज के प्लांट नं 4 पर जश्ने आमदे रसूल का सातवां प्रोग्राम आज जलसा हुआ जिसकी सदारत हाफिज़ सैयद मोहम्मद फैसल जाफरी ने की कन्विनर कौमी सदर हयात ज़फर हाशमी व अजीज़ अहमद चिश्ती रहे।

दारूल उलूम अहले सुन्नत मंज़रे इस्लाम उन्नाव के मुदर्रिस मौलाना मोहम्मद हस्सान कादरी ने खिताब फरमाते हुए कहा कि अहदे रिसालत से ज़माना जितना दूर होता गया उसमें उतनी ही ख़राबियाँ आती गईं और आज का दौर तो इस क़दर बुराइयों की आमाज गाह बन गया गै कि इससे पहले इसकी मिसाल मिलनी मुश्किल है

यह बात क़ाबिले अफसोस है कि जो क़ौमे मुस्लिम दूसरों को राहे रास्त पर लाने के लिये वजूद में आई थी आज वह ख़ुद तरह तरह की बद आमालियों में घिरी हुई है

जहाँ तक अकाबिरीने उम्मत का सवाल है तो वह बराबर तक़रीर व तहरीर के ज़रिये अपने फराएज़ को पूरा करते चले आ रहे हैं, लेकिन हक़ीक़त यह है कि अस्लाफ के इरशादात पर इस क़ौम ने शायद ही कभी तवज्जोह दी हो, और जिन लोगों ने दी भी तो उनकी तादाद बहुत कम है

इस्लाह क़ुबूल करने का जज़्बा हमारे अंदर कैसे पैदा होगा यह बात क़ाबिले ग़ौर है

अल्लाह तौफीक़ दे तो बहुत आसान है, वरना हमें अपनी कोशिशों को जारी रखना चाहिये

इस काम में उल्माए हक़ के साथ दानिश वराने क़ौम और मिल्लत के बा असर लोग भी अगर भरपूर तवज्जोह दें तो यह काम बहुत ही आसान हो सकता है

हमारे फिक्र मंद उल्मा तो हमें एत अर्सा से समझा रहे हैं और वह हराम व ना जाएज़ कामों के खिलाफ क़लमी व लिसानी जिहाद कर रहे हैं मगर उनकी सदा सहरा ब सहरा ही साबित हो रही है

लिहाज़ा हमारा बा असर तब्क़ा इस काम में हमारा साथ दे और जिद व जहद करे तो यक़ीनन इस काम में हमें ज़रूर कामयाबी मिलेगी

अवाम और बिगड़े हुए अफराद को सुधारने के लिये हमारे पास कोई ताक़त नहीं है जिसका इस्लिमाल किया जा सके, वअज़ व नसीहत और अख़्लाक़ी दबाव के सिवा हम कर भी क्या सकते हैं

अलबत्ता इस सिलसिले में जो हज़रात बेदार हैं उनहें बैठे नहीं रहना चाहिये बल्कि हर शख़्स को अपने दाएरए असर में दावत व तब्लीग़ और इस्लाही फरीज़े अंदाम देने चाहियें इससे पहले जलसे का आगाज़ तिलावते कुरान पाक से हाफिज़ मोहम्मद जुबैर ने किया जलसा सलातो सलाम व दुआ के साथ खत्म हुआ कन्वीनर हयात ज़फर हाशमी ने आए हुए मेहमानो का शुक्रिया अदा किया इस मौके पर रईस अन्सारी राजू,अज़ीज़ अहमद चिश्ती,सैयद सुहैल,पार्षद लियाकत अली,फैज़ बेग,मोहम्मद ईशान, एहसान अहमद, नदीम सिद्दीकी, सैफी अन्सारी, शहनावाज अन्सारी, रौनी बाबा, सैफ वारसी, सैय्यद शाबान, मोहम्मद मोहसिन, शब्बीर अन्सारी आदि लोग मौजूद थे!