अयोध्या प्रकरण: उच्च न्यायालय के फैसले को सभी धर्मों के लोगों ने सराहा  

- छावनी में तब्दील रहा शहर, अधिकारी लेते रहे पल-पल की खबर 



अधीनस्थों के साथ फ्लैग मार्च करते डीएम-एसपी।  


फतेहपुर। अयोध्या जनपद में राम जन्म भूमि एवं बाबरी मस्जिद के विवाद का आखिरकार आज अंत हो गया। उच्च न्यायालय में पांच जजों की पीठ ने ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल को हिन्दू पक्ष व अयोध्या में ही पांच एकड़ जमीन सुन्नी वक्फ बोर्ड को दिये जाने पर मुहर लगायी। यह फैसला सार्वजनिक होते ही सभी धर्मों के लोगों ने इसका दिल खोलकर स्वागत किया। लोगों का कहना रहा कि इस फैसले से देश की एकता व अखण्डता कायम रहेगी। फैसले को लेकर जिला एवं पुलिस प्रशासन पहले से ही बेहद सतर्क था। जिलाधिकारी संजीव सिंह व पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा के दिशा-निर्देशन में पूरी मशीनरी लोगों पर निगाह बनाये हुए थी। पूरे शहर को छावनी में तब्दील कर दिया गया था। 
सत्तर वर्षों से अध्योया में राम जन्म भूमि एवं बाबरी मस्जिद का विवाद कोढ़ में खाज बना हुआ था। हाईकोर्ट का फैसला आने के बाद सभी ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। सुप्रीम कोर्ट में भी काफी समय से सुनवाई चल रही थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट में मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई की की अध्यक्षता में पांच सदस्यीय बेंच ने लगातार चालीस दिनों तक इस विवाद की सुनवाई की और फैसले को सुरक्षित कर लिया था। इस विवाद का संभावित फैसला सत्रह नवम्बर को आने के कयास लगाये जा रहे थे। लेकिन शुक्रवार की रात चीफ जस्टिस ने प्रदेश के मुख्य सचिव सहित अन्य उच्चाधिकारियों के साथ बैठक कर इस ऐतिहासिक फैसले को आज सुनाये जाने का निर्णय लिया था। विवाद की सुनवाई पूरी होने के बाद से ही प्रदेश सरकार ने सभी जनपदों को हाई एलर्ट मंे रखकर सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम शुरू कर दिये थे। सीआरपीएफ जवानों की टुकड़ियां भी यूपी में भेजी गयी थीं। अयोध्या जनपद में बेहतर सुरक्षा व्यवस्था के इंतजाम करने के साथ-साथ मुख्य सचिव ने जिलाधिकारियों व पुलिस अधीक्षकों को अपने-अपने जनपद में सुरक्षा के इंतजाम कड़े करने के साथ-साथ सभी धर्मों के लोगों की बैठकें आयोजित कर इस फैसले का स्वागत करने की अपील की गयी थी। जिलाधिकारी संजीव सिंह एवं पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा लगातार बैठकें आयोजित कर सभी धर्मों के लोगों से इस फैसले का स्वागत करने की अपील कर रहे थे। यह अपील रंग भी लायी। शनिवार की सुबह साढ़े दस बजे उच्च न्यायालय में पांचों जजों की पीठ ने फैसला सुनाया। जिसमें हिन्दू पक्ष को राम जन्मभूमि का जहां मालिकाना हक दिया गया। वहीं सुन्नी वक्फ बोर्ड को अयोध्या में पांच एकड़ जमीन दिये जाने के लिए प्रदेश सरकार को निर्देशित किया। इसके साथ ही निर्मोही अखाड़ा व शिया वक्फ बोर्ड के दावे को सिरे से खारिज कर दिया गया। यह फैसला सार्वजनिक होते ही सभी धर्मों के लोगों ने इसका दिल खोलकर स्वागत किया। अलग-अलग वक्ताओं ने इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि यह ऐतिहासिक फैसला देश के इतिहास में स्वर्णिम अक्षरों में लिखा जायेगा। इससे देश की एकता व अखण्डता बरकरार है। फैसले को लेकर देर रात से ही जिला एवं पुलिस प्रशासन भी हरकत में आ गया था। पूरी रात सड़कों पर पुलिस की गाड़ियां फर्राटा भरती रही। सुबह होते ही बाजार तो खुला लेकिन अपर जिलाधिकारी पप्पू गुप्ता, उप जिलाधिकारी सदर प्रमोद झा, पुलिस उपाधीक्षक नगर केडी मिश्रा के नेतृत्व में भारी पुलिस बल ने भ्रमण करते हुए बाजार को बंद कराया और शांति व्यवस्था बनाये रखने की लोगों से अपील की। उधर जिलाधिकारी संजीव सिंह व पुलिस अधीक्षक प्रशांत वर्मा भी अपने अधीनस्थों के साथ शहर का भ्रमण कर लोगों को सुरक्षा व्यवस्था का एहसास कराते रहे। इसके अलावा खागा में उप जिलाधिकारी के नेतृत्व में भी फ्लैग मार्च किया गया। बिन्दकी में मुख्य विकास अधिकारी थमीम अंसरिया ए0 के नेतृत्व में उप जिलाधिकारी प्रहलाद सिंह व बिन्दकी सीओ ने भ्रमण कर दुकानों को बंद कराते हुए लोगों से शांति व्यवस्था कायम रखने का आहवान किया। इसके अलावा सम्बन्धित थाना क्षेत्रों में भी पुलिस के जवान लगातार भ्रमण पर रहे। कुल मिलाकर अयोध्या प्रकरण का शांतिपूर्ण माहौल के बीच पटाक्षेप हो गया। इस ऐतिहासिक फैसले को सभी धर्मों के लोगों ने स्वीकार करते हुए स्वागत किया।