अल्लामा इकबाल की कुर्बानियों को भुलाया नहीं जा सकता - हयात ज़फर हाशमी 

आज एमएमए जौहर फैन्स एसोसिएशन के तत्वावधान में मशहूर शायर राष्ट्रीय गीत "सारे जहाँ से अच्छा हिन्दुस्तां हमारा" के रचियता अल्लामा इकबाल की 142 वीं जयंती पर जलसा खिराज ए अकीदत का आयोजन प्रेमनगर गुरुद्वारे चौराहे के पास किया गया।

राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात ज़फ़र हाशमी की अध्यक्षता में आयोजित जलसे का संचालन जिला समन्वयक अजीज़ अहमद चिश्ती ने किया, 

राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात ज़फ़र हाशमी ने कहा कि अल्लामा इकबाल दूरदर्शी सोच के व्यक्ति थे उन्होंने अपनी इंकलाबी शायरियो के ज़रिए अंग्रेज़ी हुकुमत के चुलें हिला दी थी। 

"अब हवांए खुद करेंगी रोशनी का फैसला, 

जिस दिये जान होगी, वह दिया रह जाएगा।

अल्लामा की इन पंक्तियों से उन्हें खिराज ए अकीदत पेश की गई।

हज़ारों साल नरगिस अपनी बेनूरी पर रोती है। 

बड़ी मुश्किल से होता है चमन में दिदावर पैदा।।

आज के जलसे मे राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात ज़फ़र हाशमी, अजीज़ अहमद चिश्ती,मोहम्मद इलियास गोपी, एहतेशाम बरकाती, सैय्यद सुहेल, युसुफ मन्सूरी, हामिद खान, एहतेशाम अन्सारी, शहनावाज अन्सारी आदि थे।