शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र का निवासी होना आवश्यक


- विधान परिषद स्नातक शिक्षक खण्ड के नामावलियों के पुनरीक्षण के संबंध में आयोजित हुई बैठक।
कन्नौज। आगामी निर्धारित तिथि से पूर्व जागरूक कर संबंधित फार्म भरवाकर अपने-अपने केन्द्रों पर उपलब्ध कराना सुनिश्चित करें। मतदाताओं शिक्षकों को निर्वाचक क्षेत्र का निवासी होना अनिवार्य होगा। भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशांे का अक्षरशः पालन सुनिश्चित किया जाये।
उक्त निर्देश आज जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार के निर्देशानुसार अपर जिलाधिकारी (वि0रा0) उमेश चन्द्र उपाध्याय ने विधान परिषद के स्नातक शिक्षक खण्ड के निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों के पुनरीक्षण के संबंध में आयोजित बैठक में संबंधित अधिकारियों को दिये। उन्होनें स्नातक निर्वाचन क्षेत्र के अन्तर्गत निर्देशित करते हुये कहा कि अर्हता दिनांक  01.11.2019 से कम से कम तीन वर्ष पहले से भारत के किसी प्रदेश में किसी विश्व विद्यालय का स्नातक है अथवा यथा निर्धारित समतुल्य अर्हता रखता है और संबंधित निर्वाचन क्षेत्र का सामान्य निवासी है। उसे स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में निर्वाचक के रूप में रजिस्ट्रीकृत होने का अधिकार है।
बताया कि किसी व्यक्ति को आवेदक की साधारण निवासी अवस्था के सत्यापन के अतिरिक्त स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में नामांकन के लिये फार्म 18 में आवेदन करने के लिये सत्यापित करना भी अनिवार्य होगा तथा अर्हक दिनांक से कम से कम तीन वर्ष पूर्व के लिये अपेक्षित शैक्षिक योग्यतायें रखता हो। उन्होनें खण्ड शिक्षक निर्वाचक क्षेत्र के अन्तर्गत यह भी बताया कि शिक्षक को निर्वाचन क्षेत्र का सामान्य रूप से निवासी होना अनिवार्य होगा तथा शिक्षण कार्य में कम से कम कुल 3 वर्ष की अवधि को पूर्ण करना होगा। उन्होनें पंजीयन हेतु बताया कि अर्हता दिनांक से ठीक पहले 6 वर्ष के भीतर कम से कम तीन वर्ष की कुल अवधि के लिये विनिर्दिष्ट किन्हीं शिक्षण संस्थाओं में अध्यापन कार्य से जुड़े रहते हुये पूर्णकालिक शिक्षक होना अनिवार्य होगा। अंश कालिक शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र के लिये निर्वाचक नामावलियों में पंजीयन के पात्र नही होगें। उपाध्याय ने यह भी बताया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1950 की धारा (4) शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों की निर्वाचक नामावलियों पर लागू नही होती
है। इस लिये घोषित पद धारको को प्रारूप एक में घोषणा के द्वारा मूल स्थान मंे पंजीयन की सुविधा शिक्षक निर्वाचन क्षेत्रों के मामलों में उपलब्ध नही है। यदि वह पात्र हो तो अपना नाम उस स्थान पर अपना नाम नामांकित करा सकते है जहाॅ वह उस समय सामान्यता रह रहे हो। किसी विशिष्ट शिक्षक निर्वाचन क्षेत्र में नामांकित की जाने वाली पात्रता का निर्धारण आवेदक के सामान्य निवास के आधार पर किया जाना सुनिश्चित है, ना कि उसके कार्य स्थल के आधार पर। उन्होनें वित्त विहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों में कार्यरत शिक्षकों की प्रगति (अंशकालिक/पूर्णकालिक/अनुदेशक) के संबंध में अवगत कराते हुये कहा कि इस संबंध में वित्त विहीन मान्यता प्राप्त विद्यालयों में केवल अंशकालिक अध्यापक ही कार्यरत है। अतः पूर्ण कालिक अध्यापकों, शिक्षकों, अनुदेशकों को भारत निर्वाचन आयोग द्वारा निर्गत मानकों के आधार पर परीक्षित करते हुये मतदाता सूची में शामिल किया जाना होगा। बैठक में समस्त उपजिलाधिकारी, सहायक निर्वाचन अधिकारी, जिला विद्यालय निरीक्षक आदि संबंधित अधिकारी उपस्थित थे।