ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन में हर्षोल्लास के साथ मनाई गयी राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी एवं लाल बहादुर शास्त्री जयन्ती


कानपुर, 02 अक्टूबर। राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी एवं भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की जयन्ती स्थानीय ओंकारेश्वर सरस्वती विद्या निकेतन इण्टर कालेज, जवाहर नगर में हर्षोल्लास के साथ मनाई गयी। कार्यक्रम का प्रारम्भ मुख्य अतिथि मा0 प्रो० डॉ० गिरजेशलाल श्रीवास्तव (विभागाध्यक्ष, भूगोल विभाग, डी0ए0वी0 कालेज,कानपुर) ने माँ सरस्वती की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलन एवं राष्ट्रपिता महात्मा गाँधी तथा लाल बहादुर शास्त्री के चित्र के समक्ष पुष्पार्चन करके कियामा0 मुख्य अतिथि ने अपने उद्बोधन में कहा कि व्यक्ति की पूजा उसके चरित्र से होती है पद से नहीं।


वर्तमान में सम्पूर्ण विश्व में इस बात को लेकर अनेक शोध किये जा रहे हैं कि क्या कोई विजय बिना हिंसा के सम्भव है। वह भी उन शासकों के विरुद्ध जिनको इस बात का अभिमान हो कि उनके साम्राज्य में सूर्य अस्त नहीं होता। वस्तुत: गाँधी जी का जीवन स्वयं में एक दर्शन है, उन्होंने सिद्धांत को अपने आचरण के माध्यम से समाज के सामने प्रस्तुत किया। शिक्षा प्राप्त करने के उपरान्त बाम्बे एवं राजकोट में वकालत प्रारम्भ की । इसके बाद अफ्रीका गये, प्रवासी भारतीयों के अधिकारों के लिए अंग्रेजों के विरुद्ध संघर्ष प्रारम्भ किया, सफलता भी मिली । भारत लौटने पर उनकी भेंट डॉ०राजेन्द्र प्रसाद से चम्पारन सत्याग्रह में हुई। इन्होंने गुजरात के साबरमती में आश्रम बनायालोगों को स्वदेशी के प्रयोग के लिए प्रेरित किया, वैश्वीकरण के वर्तमान परिवेश में इसकी अत्यंत आवश्यकता है। भारत के द्वितीय प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री अत्यंत अभाव में पले-बढ़ेपास में पैसे न होने पर वह नदी तैर कर विद्यालय जाते थे लेकिन स्वाभिमान के विरुद्ध बिना पैसे के नाव से नदी पार करने के लिए तैयार नही होते थे। अत्यंत सादा जीवन साथ ही उच्च विचारों से परिपूर्ण इन दोनों महापुरुषों का व्यक्तित्व अनुकरणीय है।



विद्यालय के प्रधानाचार्य राममिलन सिंह ने मा0 मुख्य अतिथि का परिचय कराते हुये स्वागत से परिपूर्ण इन दोनों महापुरुषों का व्यक्तित्व अनुकरणीय है। विद्यालय के प्रधानाचार्य राममिलन सिंह ने मा0 मुख्य अतिथि का परिचय कराते हुये स्वागत किया। विद्यालय के अनेक छात्र-छात्राओं ने महात्मा गाँधी एवं लाल बहादुर शास्त्री के व्यक्तित्व एवं कृतित्व से परिचय कराते हुए उनके जीवन से सम्बन्धित अनेक प्रेरक प्रसंग प्रस्तुत कियेचि0 दिव्यांश बसंल ने “दे दी हमें अजादी.........” की सुमधुर प्रस्तुति दी। कार्यक्रम का संचालन कु0 श्रेया शुक्ला ने किया। विद्यालय छात्र संसद के प्रधानमंत्री चि0 शरद पाण्डेय ने आगन्तुकों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर अभिभावक गण व अन्य गणमान्य उपस्थित रहे।