नबी की मीलाद मनाना सुन्नते इलाही व सुन्नते अम्बिया है:मुफ्ती क़ासिम अमजदी

 

 

तन्जीम बरेलवी उलमा-ए-अहले सुन्नत के ज़ेरे एहतिमाम जशने आमदे रसूल का तीसरा जलसा फेथफुलगंज मे आजोजित

जलसे के बाद लंगरे रसूल का एहतिमाम भी किया गया

 

कानपुर: तन्जीम बरेलवी उलमा-ए-अहले सुन्नत के जेरे एहतिमाम जशने आमदे रसूल का तीसरा जलसा फेथफुलगंज मदरसा जमालिया के पास हुआ जिसको मुफ्ती मोहम्मद क़ासिम रज़ा अमजदी ने खिताब फरमाते हुए कहा कि अल्लाह तआला के फज़्ल और उसकी नेमतों का शुक्र बजा लाने का एक मक़बूले आम तरीक़ा ख़ुशी व मसर्रत का अलानिया इज़हार करना है, मीलादे मुस्तफा से बड़ी नेमत और क्या हो सकती है, यह वह नेमते उज़मा है जिसके लिये ख़ुद रब्बे करीम ने ख़ुशियाँ मनाने का हुक्म फरमाया है,,क़ुरआने पाक में है,,

एै महबूब आप फरमा दीजिये (यह सब कुछ) अल्लाह के फज़्ल और उसकी रहमत के बाइस है (जो बेसते मोहम्मदी के ज़रिये तुम पर हुआ है)  पस मुसलमानों को चाहिये कि इस पर ख़ुशियाँ मनाएँ, यह (ख़ुशी मनाना) उससे कहीं बेहतर है जिसे वह जमा करते हैं

इस आयते करीमा में अल्लाह तआला का रूए खिताब अपने हबीबे पाक से है कि अपने सहाबा और उनके ज़रिये पूरी उम्मत को बता दीजिये कि उन पर अल्लाह की जो रहमत नाजिल हुई है इस पर जिस क़दर मुम्किन हो सके ख़ुशी और मसर्रत का इज़हार करें और जिस दिन हबीबे पाक की विलादते मुबारका की सूरत में अज़ीम तरीन नेमत उन्हे अता की गई उसे शायाने शान तरीक़े से मनाएँ, इस आयत में हुसूले नेमत की यह ख़ुशी उम्मत की इज्तिमाई ख़ुशी है जिसे इज्तिमाई तौर पर जशन की सूरत में ही मनाया जा सकता है

चूँकि हुक्म हो गया है कि ख़ुशी मनाओ और इज्तिमाई तौर पर ख़ुशी ईद के तौर पर मनाई जा सकती है या जशन के तौर पर, लिहाज़ा आयते करीमा का मफहूम वाज़ेह है कि मुसलमान यौमे विलादते रसूले अकरम को ईद मीलादुन्नबी के तौर पर मनाएँ मौलाना ने आगे कहा कि जलसे मे अगर एक आदमी ने भी सुन कर अमल कर लिया गुनाहो से तौबा कर ली तो इसका सवाब जलसा कराने वाले को मिलेगा जलसे की सदारत तन्जीम के सदर कारी सैयद मोहम्मद फैसल जाफरी और क़यादत हाफिज़ असरार अहमद रज़वी ने की इससे पहले जलसे का आगाज तिलावते कुरआन पाक से हाफिज ज़फर सईद अज़हरी ने किया और निज़ामत हाफिज़ मोहम्मद आफताब ने की हाफिज सिद्दीक़ अहमद,मोहम्मद शोएब अज़हरी ने बारगाहे रिसालत मे नात पाक पेश की जलसा सलातो सलाम व दुआ के साथ खत्म हुआ जलसे के बाद लंगरे रसूल का एहतिमाम किया गया मेहमाने खुसूसी मौलाना मोहम्मद अली जौहर फैन्स एसोसिएशन के राष्ट्रीय अध्यक्ष हयात ज़फर हाशमी रहे इस मौक़े पर मौलाना अनवारूल हक़ बरकाती,मौलाना यूसुफ रज़ा क़ादरी,क़ारी सैयद फैज़ुर्रहमान,हाफिज़ जावेद अख्तर,हाफिज़ मुशीर अहमद,हाफिज़ रहमते आलम,अज़ीज़ अहमद चिश्ती,मोहम्मद ईशान,मोहम्मद एहसान आदि लोग मौजूद थे!