कुलदीप सिंह सेंगर के भाई मनोज 'लंकेश' का निधन







उन्नाव।  आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के भाई मनोज का दिल्ली में निधन हो गया। हाल में हुए पीड़िता के ऐक्सिडेंट वाले मामले में मनोज भी आरोपी थे। उनकी दिल्ली में हार्ट अटैक से मौत हो गई। मनोज भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर के छोटे भाई थे। मिली जानकारी के मुताबिक, रविवार सुबह 3 बजे मनोज की तबीयत बिगड़ी थी। इसके बाद उन्हें हॉस्पिटल लेकर जाया गया। उसके बाद उनकी मौत हो गई। मनोज दिल्ली रहकर बड़े भाई कुलदीप सिंह सेंगर के मुकदमों की पैरवी कर रहे थे। परिवार को सूत्रों का कहना है कि मनोज के शव को रविवार की रात को उन्नाव लाया जाएगा और उसका दाह-संस्कार सोमवार को होने की संभावना है। परिवार कुलदीप व अतुल सेंगर के पैरोल की मांग करेगा, जिससे वे दाह-संस्कार में भाग ले सकें।बता दें कि 19 साल की एक लड़की ने कुलदीप सिंह सेंगर पर रेप का आरोप लगाया था। लड़की का आरोप था कि 2017 में कुलदीप ने अपने आवास पर नाबालिग के साथ रेप किया था। आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर इस समय जेल में बंद हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद मामले की सुनवाई अब दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट में हो रही है।


जुलाई में जब पीड़िता रायबरेली में अपने चाचा से मिलकर वापस उन्नाव जा रही थी तभी उसकी कार को एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी जिसमें उसकी मौसी और चाची की मौत हो गई थी जबकि पीड़िता और उसके वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पीड़िता ने आरोप लगाया था कि कुलदीप सिंह सेंगर ने यह ऐक्सिडेंट करवाया था। मनोज का भी इसमें नाम आया था। 

बड़े भाई कुलदीप के लगातार चौथी बार विधायक चुने जाने के साथ समाजवादी पार्टी नेतृत्व से बगावत कर भाभी संगीता को जिला पंचायत अध्यक्ष बनवाने में भी मनोज सिंह सेंगर की अहम भूमिका रही। रावण की पूजा करने वाले मनोज को खुद को लंकेश कहलाना पसंद था।कुलदीप सिंह सेंगर के लगभग सभी चुनाव में विधायक के अलावा चुनाव प्रचार के दौरान मनोज का दबंग चेहरा अलग से प्रचार में जुटता था, या फिर यह कहें कि जो सामान्य रूप से नही साथ आता उसे समर्थन के लिए तैयार करने की जिम्मेदारी मनोज सिंह सेंगर की होती थी।


उन्नाव में ग्राम प्रधान से चार बार विधायक चुने जाने तक अजेय रहे कुलदीप सिंह सेंगर जहां जिले की राजनीति में खुद में चमकने के लिए सत्ता बल का प्रयोग करते थे तो दूसरी तरफ मनोज सिंह सेंगर ने अपने दबदबे से वाहन अड्डों पर वसूली, खनन और जमीन के कारोबार में अपना सिक्का जमा रखा था, जायज या नाजायज जिस भी कारोबार से लंकेश का नाम जुडऩे के बाद किसी की उसमें हाथ डालने की हिम्मत न होती थी।


भाभी को जिले का प्रथम नागरिक बनाने में रहा अहम योगदान


विधायक कुलदीप सिंह की पत्नी को पहले जिला पंचायत सदस्य और फिर जिला पंचायत अध्यक्ष बनाने में अन्य लोगों के अलावा मझले भाई मनोज सेंगर का अहम योगदान रहा। इसी कारण से हमेशा विधायक से दूर दिखने वाले मनोज चुनाव के दौरान पूरे समय सबसे आगे मोर्चा लिए रहे और कैमरे में भी काफी नजर आए। विधायक ने भी उन्हें इसका श्रेय दिया।जिला पंचायत की सत्ता से था बेहद लगाव


मनोज सेंगर सही भले जिला पंचायत में किसी पद पर न रहे हो लेकिन उनका उनका वर्चस्व पिछले करीब 20-25 सालों से लगातार रहा है । पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष कमल कुमारी के कार्यकाल में पर्दे के पीछे रहकर बादशाहत की । उसी दौरान अपने दबंग चेहरे के कारण लोगों के बीच चर्चा में काफी रहे।


मियागंज के ब्लाक प्रमुख भी रहे


पिछले पंचायत चुनाव में मनोज सिंह सेंगर ने विधायक भाई की सरपरस्ती में रहकर पहले मियागंज से बीडीसी का चुनाव जीता और फिर इसी ब्लाक के 2012-13 में ब्लाक प्रमुख निर्वाचित हुए।


नेपाल में भी कारोबार फैला होने की चर्चाएं


बताते हैं कि विधायक कुलदीप सेंगर के भाई मनोज का जिले में जो ईट भट्ठा, कोल्ड स्टोर, समेत कई कारोबार थे। इसके अलावा उनका पड़ोसी देश नेपाल में भी बड़ा कारोबार फैला था। इसकी आम चर्चा थी शायद इसी कारण से ही मनोज का अक्सर नेपाल में ही रहना होता था।