होमगार्डां के हटाये जाने से बेपटरी हुई कानपुर की यातायात व्यवस्था

- यातायात को सुचारु रुप से चलाने के लिए पुलिस के लिए बनी चुनौती

कानपुर । उत्तर प्रदेश शासन ने प्रदेश से 25 हजार होमगार्डों को बर्खास्त कर दिया। जिसका असर कानपुर में भी पड़ा और यहां से भी करीब नौ सौ होमगार्ड बाहर हो गये। ऐसे में थानों में तो पुलिस की जिम्मेदारी बढ़ ही गयी साथ ही महानगर की यातायात व्यवस्था भी बेपटरी हो गयी। महानगर में ज्यादातर चौराहे इन्ही होमगार्ड के भरोसे चलते थे, हालांकि उनका साथ पुलिसकर्मी भी देते थे। होमगार्डों के हटने से महानगर के लगभग हर चौराहे पर यातायात सुचारु रुप से चलता नहीं दिख रहा है। इसके साथ ही सड़कों पर खड़े होने वाले वाहनों को क्रेन के जरिये हटाने का काम भी धीमा पड़ गया है। पुलिस अधीक्षक यातायात सुशील कुमार ने बुधवार को बताया कि फोर्स की मांग की गयी है और फोर्स आते ही यातायात व्यवस्था पटरी पर आ जाएगी। 
मानदेय बढ़ाने की मांग करने पर सूबे में बर्खास्त किये गये 25 हजार होमगार्डों में कानपुर महानगर के 872 होमगार्ड शामिल थे। जिसमें 190 होमगार्ड यातायात व्यवस्था को संभालते थे। इनके हटने से महानगर का यातायात व्यवस्था बेपटरी होता दिख रहा है। त्योहारों के कारण सड़क पर बढ़े यातायात लोड से जगह-जगह जाम लग रहा है और लोग घंटों उसमें फंस जा रहे हैं। पुलिस अधिकारी चौराहों में बढ़ने वाले यातायात लोड संभालने के लिए रिजर्व लाइन और कार्यालयों के पुलिसकर्मियों को लगाने की बात तो कर रहे हैं, लेकिन उसके बाद व्यवस्था कैसे संभलेगी, इसका जवाब किसी के पास नहीं है। 

इन चौराहों पर भारी दिक्कत
महानगर के प्रमुख चौराहों में जैसे बड़ा चौराहा, परेड चौराहा, नरोना चौराहा, राकेट तिराहा, रावतपुर चौराहा, कल्याणपुर रेलवे क्रासिंग चौराहा, टाटमिल चौराहा, रामादेवी चौराहा, बर्रा चौराहा, नंदलाल, सीटीआई चौराहा आदि में वाहन सवारों को सबसे अधिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। इन चौराहों पर होमगार्ड यातायात पुलिस के साथ यातायात संभालते थे, यही नहीं कई चौराहे ऐसे थे जहां पूरी यातायात व्यवस्था केवल होमगार्डों के भरोसे ही थी। इनके हटने से महानगर की यातायात व्यवस्था धड़ाम हो गयी है। 



फोर्स की कमी से जूझ रहा यातायात विभाग
यातायात व्यवस्था को सुचारु रुप से चलाने के लिए यातायात विभाग सदैव फोर्स की कमी से जूझता रहा है। जिसके चलते करीब तीन वर्ष पहले यातायात क्षेत्राधिकारी ने दिव्यांगों को भी इस जिम्मेदारी में लगा दिया था और उसका परिणाम भी बेहतर रहा, पर बाद में किन्ही कारणों से दिव्यांगों को हटा दिया गया। अब होमगार्डां के हटाने से फिर से स्थिति खराब होती दिख रही है। यातायात विभाग समझ नहीं पा रहा है कि ऐसे में फोर्स के कोरम को कैसे पूरा किया जा सके। हालांकि यातायात पुलिस अधीक्षक सुशील कुमार ने बुधवार को दावा किया कि फोर्स की तैनाती की जाएगी और जल्द ही यातायात व्यवस्था सुचारु रुप से चालू हो जाएगा। 

उत्तर और दक्षिण के मेल में आ रही कमी
होमगार्डों के हटने से उन चौराहों पर भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है जो उत्तर और दक्षिण को जोड़ते हैं। गोविंदनगर रोड पर लोड बढ़ने के कारण रुक-रुककर जाम लग रहा है। इसके साथही दादानगर पुल भी जाम की चपेट में है। वहीं टाटमिल में भी जाम की स्थिति बनी हुई है। ऐसा ही कुछ हाल फजलगंज चौराहे का है। यह सभी चौराहे महानगर को उत्तर और दक्षिण में जोड़ने के लिए प्रमुख स्थान हैं। जाम लगने के चलते लोग उत्तर और दक्षिण में आने जाने को लेकर अब सौ बार सोंच रहे हैं। 

त्योहार में और बढ़ेगी समस्या
दीपावली का त्योहार नजदीक आ रहा है और ऐसे में लोग खरीददारी के लिए बाजारों में निकलेगें। इसके साथ ही कानपुर आस-पास के जनपदों का भी बड़ा बाजार है। जिससे रोजाना यातायात व्यवस्था की समस्या बढ़ना लगभग तय है। खासकर घंटाघर, मूलगंज, एक्सप्रेस रोड, परेड चौराहा, बड़ा चौराहा में यातायात संभालना पुलिस के लिए चुनौती बनेगा। 

खड़ी हो गयी क्रेन मशीनें
महानगर में यातायात व्यवस्था को सही रखने के यातायात विभाग की करीब सौ क्रेनें काम कर रही हैं। इन्ही क्रेनों के जरिये सड़क पर खड़े वाहनों को यातायात पुलिस लाइन लाया जाता है और वाहन मालिक के खिलाफ कार्रवाई की जाती है। इन क्रेनों का ज्यादातर संचालन होमगार्ड ही करते थे। होमगार्डां के हटने से ज्यादातर क्रेनें यातायात पुलिस लाइन में खड़ी हो गयी और लोगों में क्रेन का खौफ कम हो गया।