एआरटीओ कार्यालय में जांच-पड़ताल करते डीएम।
फतेहपुर। सहायक संभागीय परिवहन अधिकारी कार्यालय में व्याप्त भ्रष्टाचार की मिल रही लगातार शिकायतों को गम्भीरता से लेते हुए जिलाधिकारी संजीव सिंह ने सोमवार को बड़ी कार्रवाई को अंजाम दिया है। डीएम ने कार्यालय की हकीकत जानने के लिए पहले अपनी टीम को लगाया। टीम द्वारा शिकायतों पर मुहर लगाने के तत्काल बाद डीएम भारी भरकम काफिले के साथ एआरटीओ दफ्तर जा धमके। जिलाधिकारी के पहुंचते ही कार्यालय के अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावा बाहर काम करने वाले दलालों में हड़कम्प मच गया। दलाल व दफ्तर में अवैध रूप से अधिकारियों व कर्मचारियों के साथ काम करने वाले अवैध लोग जान बचाकर भागने लगे। पुलिस बल ने अवैध रूप से कार्यालय में काम करने वाले तथा कुछ दलालों को पकड़ लिया। सूत्रों का कहना है कि लगभग आधा दर्जन से अधिक लोगों को हिरासत में लेकर कोतवाली भेजा गया है। रोजमर्रा की रोटी कमाने वालों पर सख्ती और सरकारी अधिकारी व कर्मचारियों पर मेहरबानी को लेकर दिन भर चर्चा होती रही।
बताते चलें कि आये दिन मिल रही शिकायतों के आधार पर जिलाधिकारी संजीव सिंह ने खूफिया विभाग व एनआईसी में काम करने वाले युवाओं की टीम को सत्यतता परखने के लिए लगभग बारह बजे भेजा था। इस टीम के लोगों ने दलालों व अंदर काम करने वालों के फोटोग्राफ भी तैयार किये। इन दूतों ने डीएम को मोबाइल पर कार्यालय के भ्रष्टाचार से अवगत कराया। इस पर जिलाधिकारी भारी पुलिस बल व अधीनस्थ अधिकारियों के साथ कार्यालय पहुंच गये। जिलाधिकारी का काफिला देख दलाल इधर-उधर भागने लगे। करीब डेढ़ घण्टे की कवायद में डीएम की निगरानी में एआरटीओ कार्यालय परिसर के बाहर दलालों के दफ्तरों को खंगाला गया। कई दलाल तो अपने शटर गिराकर भाग जाने में सफल रहे। बताया जाता है कि तलाशी अभियान में ऐसी भी तमाम फाइलें हाथ लगी हैं जिन्हें कार्यालय में जमा होना चाहिए। इन फाइलों में अधिकांश फाइलें ड्राइविंग लाइसेंस से सम्बन्धित बतायी जा रही हैं। छापे में कुछ दलाल व लिपिकों के साथ अंदर अवैध रूप से काम करने वाले लगभग आधा दर्जन से अधिक लोग शामिल हैं। कोतवाली तो भिजवा दिया गया है लेकिन समाचार लिखे जाने तक की गयी कार्रवाई की भनक नहीं मिल सकी।