अशरफाबाद जाजमऊ में जलसा सीरतुन्नबी व अज़मते सहाबा का आयोजन

  • जिसे अपने लिए आइडियल की तलाश हो वह सहाबा ए किराम को अपना आइडियल बनाएं :- मौलाना असजद नदवी




कानपुर :-
 हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम को अल्लाह ने विश्व के समस्त प्राणियों के लिए रहमत बनाकर भेजा है , आपकी रहमत से कोई मैहरूम नहीं है। समस्त जीवों और प्राणियों के लिए आप रहमत थे , इंसानों के दरमियान भाईचारा पैदा करके पुरानी से पुरानी दुश्मनी को दोस्ती में बदल दिया । अल्लाह की ज़ात रब्बुल आलमीन है और नबी सल्लल्लाहू अलैही वसल्लम रहमतुल लिलआलमीन हैं । इन विचारों को अशरफाबाद जाजमऊ में काजी शहर कानपुर मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक उसामा कासमी की अध्यक्षता में आयोजित जलसा सीरतुन्नबी व अजमत ए सहाबा को खिताब करते हुए मदरसा इमदादिया मुरादाबाद के शेखुल हदीस डॉ मौलाना मुहम्मद अस्जद कासमी नदवी ने किया । मौलाना अस्जद नदवी ने कहा कि आप सल्लल्लाहु अलैही वसल्लम ने अपनों के साथ गैरों को भी गले लगाया, पत्थरों का जवाब फूलों से दिया, न्याय करना सिखाया, अच्छा व्यवहार करना, गरीबों को सहारा देना, जालिमों को जुल्म से रोकना, मजलूमों का साथ देना इस्लाम का पैग़ाम और नबी का फरमान है। मौलाना ने कहा कि आपके प्रथम पंक्ति के शिष्य हजरत ए सहाबा किराम की जमात ने इस जमीन पर सबसे पहले कुरान ए मजीद, नबी की सुन्नत और हुजूर के किरदार को हर तरह की मुश्किलों और दुश्वारियों का सामना करते हुए लागू किया । हमारे लिए सबसे पहले कुरान दूसरे नंबर पर सीरत ए नबवी यानी तफसीरे कुरान फिर उसके बाद सहाबा ए किराम रजि० का जीवन जो इस्लामी शिक्षाओं की सच्ची नकल है । जिसे अपने लिए आइडियल और नमूने की तलाश हो वह सहाबा ए किराम को अपना आइडियल बनाएं और उनकी जिंदगी को सामने रखकर अपने ईमान को मुकम्मल करके अपने किरदार को चुनें । जामा मस्जिद लाल बंग्ला के इमाम मौलाना खलील अहमद मजाहिरी ने कहा कि आज मुसलमानों की जिल्लत और रुसवाई के कारणों में सबसे बड़ा कारण खुदा के हुक्म और नबी सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शिक्षाओं से दूरी है। इससे पूर्व जलसे का शुभारंभ कारी मुजीबुल्लाह इरफानी ने कुरान की तिलावत से किया । बहराइच से आए हाफिज अशफ़ाक बहराइची और मौलवी मुहम्मद शोएब बलरामपुरी ने नातत मनक़बत का नजराना पेश किया । संचालन मुफ्ती असदुद्दीन कासमी ने किया।  जलसे के अध्यक्ष काजी ए शहर मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक उसामा क़ासमी की दुआ पर जलसा खत्म हुआ । इस अवसर पर मौलाना मुहम्मद शफी मजाहिरी, मौलाना अंसार अहमद जामई , मौलाना अनीसुर्रहमान कासमी , मौलाना फरीदुद्दीन कासमी , मुफ्ती अज़ीजुर्रहमान कासमी , मुफ्ती इजहार मुकर्रम कासमी, मौलाना जहांगीर कासमी , मौलाना अब्दुल जब्बार असली, मौलाना कारी अब्दुलहई कासमी , मौलाना कारी शमशुल हुदा कासमी, मौलाना शर्फे आलम साकिबी, मौलाना मुहम्मद कौसर जामई के अलावा बड़ी संख्या में लोग मौजूद थे । जलसे के संयोजक मौलाना मसूद अहमद जामई ने आए हुए तमाम मेहमानों का शुक्रिया अदा किया।