कानपुर 17 सितम्बर। आज भगवान विश्वकर्मा जयन्ती पर बी0एन0एस0डी0 षिक्षा निकेतन इण्टर कालेेज के छात्र-छात्राओं ने भगवान विश्वकर्मा के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलित कर पुष्प अर्पित किये और ''विश्वकर्मा पुराण'' के दर्शन किये, विद्यालय की प्रधानाचार्या डा0 ममता तिवारी ने विश्वकर्मा पुराण के सातवें अध्याय में वर्णित विश्वकर्मा आगमन से जुड़ी अनेक कथाओं का जीवन्त शाब्दिक प्रस्तुतिकरण करते हुये कहा कि भगवान विश्वकर्मा ने पौराणिक काल में अनेक यान्त्रिक आविष्कार किये जिसके विवरण आज भी उपलब्ध हैं
आधुनिक पष्चिमी वैज्ञानिकों ने भारतीय ज्ञान से जुड़े पौराणिक ग्रन्थों का अध्ययन करके यन्त्रों की 'थ्योरी' को समझा और अपने नाम से आविष्कार किये, भगवान विश्वकर्मा जी ने देवताओं की आवष्यकता को देखते हुये रक्षा-सुरक्षा के लिये विध्वंसक आयुध निर्मित किये, ऋषि दधीचि की अस्थियों से 1000 हजार दातों वालों विषेष आयुध वज्र का आविष्कार किया, सुन्दर आभूषण निर्माण की कला विकसित की, प्रकृति और पर्यावरण के अनुकूल राजनिवासों, घरों का निर्माण कराया, वाहनों और विमानों का आविष्कार करके आवागमन की सुलभता प्रदान की, भगवान विष्वकर्मा जी दिषाओं के विषेषज्ञ थे, उन्होंने लक्ष्य अनुकूल दिषा अनुरूप यज्ञ-वेदियों निर्माण कराया, इन यज्ञ वेदियों में यज्ञ करने से मनवांक्षित फल मिलते थे, भगवान विश्वकर्मा जी ने समस्त मानव जाति के सरल जीवन यापन के लिये हजारों यंत्रों का निर्माण किया था, देवताओं ने भी भगवान विश्वकर्मा जी की स्तुति करते हुये उन्हें सर्वकल्याण हेतु अवतरित होने की कथा सुनायी और श्रवण की।
भगवान विश्वकर्मा जयन्ती के अवसर पर छात्र-छात्राओं, षिक्षक परिवार, अभिभावकों ने आरती की और प्रसाद ग्रहण किया।