सडकों पर फैला कूड़ा दे रहा बीमारी को दावत


कानपुर नगर, शहर में जगह-जगह फैला कूडा संक्रामक रोगो का कारण बन चुका है। बारिश के दौरान खुले में एकत्र यह कूडा पानी से भीग कर सडांध फैला रहा है जो कि विभिन्न संक्रमण रोगों का कारण बन चुका है। दूसरी सरफ संसाधनों की कमी का रोना रोने वाला नगर निगम सडकों पर कचरे का चैाथाई छोडने को विवश है। हालांकि यह वही नगर निगम है जो कानपुर को सफाई में एक नम्बर साबित करता आया है। यदि हालात यही रहे तो स्मार्ट सिटी का सपना महज धोखा ही साबित होता दिखायी देता है।
शहर मे 110 वार्ड है और सभी वाडों से प्रतिदिन लगभग 12 मैट्रिक टन कूडा निकलता है। इसमें घरेलू और औद्योगिक व बाजार क्षेत्रों से निकलने वाला कचरा शामिल है। नगर निगम इसमें 9 से 9.5 मीट्रिक टनकूडा ही उठा कर डंप तक पहुंचा पाता है। लगभग 2.5 से 3 मीट्रिक टन कचरा सडकों और कूडाघरों में ही पडा रह जाता है। यह सिलसिला बीते कई वर्षो से चला आ रहा है। हालांकि नगर निगम ने रोजना निकलने वाले कचरे को पूरी तरह उठा कर डंप तक पहुचाने के तमाम दावे और प्रयास भी किये है लेकिन वह सब कारगर साबित नही हुए। कई बार कूडा दिन में दो से तीन बार में उठाने की बात कही गयी लेकिन ऐसा हो नही सका। अब हालात यह कि शहर की सडको पर ही डंप कूडे के ठेर आसानी से देखे जा सकते है। यही कचरा बारिश के नमी भरे मौसम में बीमारियों का कारण बन रहा है और लोगो का जीना मुहाल है। अस्पतालो में लगातार संक्रमण रोगी बढ रहे है। ऐसे में शहर को साफ रखने का दंभ भरने वाला नगर निगम पूरी तरह असफल साबित हो रहा है और लोग बीमार होकर अस्पतालों के चक्कर लगाने को मजबूर हो रहे हैं।