जमाअत रज़ा-ए-मुस्तफा के ज़ेरे एहतिमाम विजय नगर मे  उर्से नूरी मनाया गया





कानपुर: आला हजरत के शहजादे (बेटे) हुजूर मुफ्ती-ए-आजम हिन्द रजि अल्लाहु अन्हु मोहब्बते रसूल की एक जीती जागती तस्वीर हैं कितने खुश नसीब है कि जिसने इश्के मुस्तफा को मुस्तफा रजा खाँ के पैकर मे चलते फिरते उठते बैठते देख लिया है आपका एक एक कदम शरीयत की रोशनी मे हुआ करता था आपके पीरो मुर्शिद हजरत अबुल हसन अहमदी नूरी मियॉ माहरहरवी रजि अल्लाहु अन्हु ने 6 माह की उम्र मे गोद मे लेकर फरमाया कि यह बच्चा अल्लाह का वली होगा और मजहबे इस्लाम का बहुत काम करेगा यह कहकर आपको मुरीद किया और अपनी खिलाफत व इजाजत अता कर किया इन ख्यालात का इजहार  अॉल इण्डिया जमाअत रजा-ए-मुस्तफा शाख कानपुर के जेरे एहतिमाम मस्जिद नूर विजय नगर मे हुए उर्से नूरी के मौके पर बलरामपुर से आए मौलाना सैयद अहमद रज़ा क़ादरी ने किया सुन्नी जमीयत उलेमा उत्तर प्रदेश के सदर मुफ्ती मोहम्मद इलियास खॉ नूरी की सदारत और डॉ.मोहम्मद इलियास आलम नूरी की कयादत मे हुए जलसे को मौलाना ने आगे कहा कि मुफ्ती आजम हिन्द हज के सफर मे गारे सौर की जियारत के बाद गारे हेरा पहुँचे तो अपना अमामा,जुब्बा,सदरी,कुर्ता सब उतार कर जमीन पर रख दिया और हरम शरीफ के खादिम से झाड़ू लेकर दरूद शरीफ पढ़ते हुए उस मुबारक सर जमीन को बहारा इलाहाबाद से तशरीफ लाए मौलाना मुराद अली रज़वी ने खिताब फरमाते हुए कहा कि एक बार बरेली शरीफ के एक हाजी साहब हज से वापस आए तो लोगो से पूछा कि मुफ्ती आजम हज के लिए कब गए थे और आए या नही?लोगो ने उन्हे बताया कि कि मुफ्ती आजम इस बार हज करने नही गए और उन्होने ईदगाह मे ईदुल अजहा की नमाज पढ़ाई और हम लोगो ने पढ़ी इस पर हाजी साहब को हैरत हुई कहा आप लोग कैसी बाते कर रहे है मैने उनको तवाफ करते देखा है मस्जिदे हराम मे अरफात मे उनसे मुलाकात की है मस्जिदे नबवी मे नमाज पढ़ते देखा है यह बात जब आम चर्चा मे आ गई तो हाजी साहब मुफ्ती आजम हिन्द की खिदमत मे हाजिर हुए हजरत ने उन्हे बहुत प्यार से देखा और मुस्कुराए और उनके कदम और अॉखों को बोसा (चूमा) लिया उसके बाद हरमैन तैय्येबैन के हालात पूछते रहे और एक बार बड़ी मोहब्बत से फरमाया हाजी साहब हर बात बयान करने की नही होती इसका ख्याल रखियेगा इसी से मुतासिर होकर हाजी साहब मुरीद हो गए जलसे को मौलाना नज़र मोहम्मद ने भी खिताब किया इससे पहले जलसे का आगाज तिलावते कुरआन पाक से कारी मोहम्मद हसन रज़ा ने किया और निजामत गुलाम यासीन अजहरी ने की जनाब नईम चिश्ती,अजहर नूरी,आसिम रज़ा,और नूर आलम अज़हरी ने बारगाहे रिसालत मे नात व मनकबद का नजराना पेश किया रात 1बजकर 40 मिनट पर मुफ्ती-ए-आजम हिन्द का कुल शरीफ हुआ और शीरनी तकसीम की गई इस मौके पर हाफिज़ सैयद मोहम्मद फैसल जाफरी (मीडिया इंचार्ज), मौलाना सखावत हुसैन नूरी,मौलाना आकिल रजवी,मौलाना यूसुफ रज़ा कादरी,मौलाना निसार आलम,मौलाना मेंहदी हसन, मौलाना दिलदार हुसैन,कारी अहमद रज़ा,मौलाना महमूद रजा,मोहम्मद मुगनी नूरी,अब्दुल हमीद अज़हरी, डा.सलीम, इख्लाक आलम अजहरी, अजीम अजहरी,फैज़ान अजहरी आदि लोग मौजूद थे!