शिक्षा ही समाज के उन्नयन का द्योतक है- गिरिशानंद जी सरस्वती महाराज


कानपुर । स्थानीय आनंदपुरी में एक कथा में व्यास के रुप में पधारे श्री धाम वृंदावन के  जाने-माने श्री गिरिशानंद जी महाराज ने एक विशेष वार्ता में बताया कि शिक्षा ही समाज के विकास का एक मात्र माध्यम है। शिक्षा से ही मनुष्य की सोच को उत्पन्न  करती है, शिक्षा ही मनुष्य को मनुष्य तत्वों से सजाती है और अंग्रेजों ने भी भारत की शिक्षा प्रणाली को खत्म करने के लिए 1835 से प्रयास करते करते आज तक भारत की जो विशेष शिक्षा की गुरुकुल पद्धति उसे समाप्त कर दिया। वर्तमान शिक्षा शिक्षित तो कर रही है पर दीक्षित नहीं। महाराज जी ने विशेष रूप से इस बात पर जोर दिया कि यदि देश को वास्तविक विकास के रास्ते पर अग्रसर करना है तो जनता की शिक्षा और शिक्षा के स्तर पर विशेष ध्यान देना होगा। शिक्षित व्यक्ति ही समाज को दिशा दे सकता है। कथा का आयोजन श्रीमती पूनम तिवारी द्वारा किया गया। विशेष रूप से श्री आरएन द्विवेदी राजू भैया राष्ट्रीय प्रवक्ता श्री उमा शक्तिपीठ वृंदावन सहित गोकर्ण यादव, दिलीप चतुर्वेदी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।