अल्लाह पाक ने पैगम्बरे इस्लाम को अपने नूर से पैदा किया:मौलाना मुर्तज़ा शरीफी

 

तन्ज़ीम बरेलवी उलमा-ए-अहले सुन्नत के ज़ेरे एहतिमाम जशने आमदे रसूल का दूसरा जलसा हीरामन पुरवा मे हुआ

कानपुर:खालिके काएनात ने सबसे पहले हमारे आका सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम के नूर को पैदा फरमाया, फरमाने रसूल अलैहिस्सलाम है कि अल्लाह ने सबसे पहले मेरा नूर बनाया, दूसरी जगह फरमान होता है कि मैं अल्लाह के नूर से हूँ और काएनात की सारी चीजे मेरे नूर से बनाई गई हैं इन ख्यालात का इज़हार तन्जीम बरेलवी उलमा-ए-अहले सुन्नत के जेरे एहतिमाम मस्जिद मुबीनुल हक हीरामन पुरवा मे हुए जशने आमदे रसूल के जलसे मे मौलाना मुर्तज़ा हुसैन शरीफी ने किया 12 रोजा जलसे के दूसरे जलसे से मौलाना ने आगे कहा कि

हज़रते जाबिर से रवायत है कि रसूलुल्लाह अलैहिस्सलाम ने फरमाया एै जाबिर! बेशक अल्लाह ने तमाम चीजो से पहले अपने नूर से तेरे नबी के नूर को पैदा फरमाया, पैदाइश के बाद यह नूर अल्लाह ने जहाँ चाहा दौरा करता रहा, उस वक़्त ना लौह थी ना क़लम, ना जन्नत ना दोज़ख़, ना सूरज ना चाँद, ना इन्सान ना जिन, उसके बाद इसी नूर से तमाम मख़्लूक़ात वजूद में आईं
एक बार हुज़ूर नबिये करीम सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम अपने हुजरे से निकल कर मस्जिदे नब्वी में तशरीफ लाए देखा तो सहाबा हज़रात बैठे आपस में कुछ ज़िक्र कर रहे हैं सरकार ने पूछा तुम लोग क्या कर रहे हो?
सहाबा ने जवाब दिया या रसूलल्लाह हमारे माँ बाप आप पर क़ुरबान हम अल्लाह का शुक्र अदा कर रहे थे इस बात के लिये कि उसमे हमारे बीच इतना प्यारा और सच्चा पैग़म्बर भेजा
सरकार ने यह सुन कर फरमाया कि क्या तुम इस बात के लिये अल्लाह की क़सम खा सकते हो?
सहाबा ने अर्ज़ की हुज़ूर क्या हम झूट बोल रहे हैं जो हमारे आक़ा हमसे क़सम के लिये फरमा रहे हैं?
हुज़ूर ने फरमाया एै मेरे प्यारे अस्हाब अभी जब तुम यहाँ बैठ कर अल्लाह का शुक्र मेरी आमद के लिये अदा कर रहे थे और मैं हुजरे में था तो जिब्रील मेरे पास आए और आकर अर्ज़ किया हुज़ूर आपके सहाबा आपका मीलाद (आपके आने पर अल्लाह का शुक्र) मना रहे हैं और आस्मानों में अल्लाह रब्बुल इज़्ज़त आपके सहाबा पर फरिश्तों के बीच फख़्र फरमा रहा है कि मैं अपने इन बन्दों से बहुत राज़ी हूँ जो मेरे महबूब के मीलाद के साथ मेरा शुक्र अदा कर रहे हैं जलसे को तन्ज़ीम के प्रवक्ता मौलाना मोहम्मद उमर कादरी ने भी खिताब किया जलसे की सदारत तन्ज़ीम के सदर हाफिज़ व क़ारी सैयद मोहम्मद फैसल जाफरी ने की इससे पहले जलसे का आगाज तिलावते कुरआन पाक से हाफिज मोहम्मद तालिब ने किया और निजामत मौलवी मोहम्मद रईस ने की हाफिज मोहम्मद मोनिस, क़ारी मोहम्मद नईम,मोहम्मद शमीम क़ादरी ने नात पाक पेश की जलसा सलातो सलाम व दुआ के साथ खत्म हुआ जलसे के बाद शीरनी तकसीम हुई इस मौक़े पर हाजी गुलाम मोहम्मद,हाजी अब्दुल बाक़ी,सैय्यद ज़की,हाजी मोहम्मद नदीम, मोहम्मद अहमद उर्फ शानु,मोहम्मद अनीस,जाबिर भाई,वहीद भाई आदि लोग मौजूद थे!