अब्दुल रहीम बहराइची ने शबे कदर की फज़ीलत पर रोशनी डाली

कानपुर, 9 मई। आज बाद नमाज इशा मदरसा अरबिया रज्जाकिया मदीनतुल उलूम पानी की टंकी बांसमण्डी में बाद नमाजे तरावीह हजरत हाफिज व कारी अब्दुल रहीम बहराइची ने शबे कदर की फजीलत पर रोशनी डालते हुये फरमाया कि जिस रात शबे कदर होती है तो हक तआला हजरत जिबरईल अलैहिस्सलाम को हुक्म फरमाते हैं कि वह फरिश्तों के एक बड़़े लश्कर के साथ जमीन पर उतरते हैं। उनके साथ ए सब्ज (हरा) झण्डा होता है जिसको काबा के ऊपर खड़ा करते हैं और हजरत जिबरईल अलैहिस्सलाम के 100 बाजू हैं जिनमें से 2 बाजू को सिर्फ इसी रात में खोलते जिनको पूर्व दिशा से पश्चिम दिशा तक फैला देते हैं, फिर हजरत जिबरईल अलैहिस्सलाम फरिश्तों से तकाजा फरमाते हैं जो मुसलमान आज की रात में खड़ा हो, बैठा हो, नमाज पढ़ रहा हो या जिक्र कर रहा हो उसको सलाम करें और मुसाफा करें और उनकी दुआओं पर आमीन कहें। सुबह तक यही हालत रहती है जब सुबह हो जाती है तो जिबरईल अलैहिस्सलाम आवाज देते हैं कि ऐ फरिश्तों ही जमाअत (टोली) अब कूच करो और चलो। फरिश्ते हजरत जिबरईल अलैहिस्सलाम से पूछते है कि अल्लाह ने हजरत मोहम्मद सल्लललाहो अलैहिवसल्लम की उम्मत को मोमिनों की हाजत और जरूरतों में क्या मामला फरमाया? वह कहते हैं अल्लाह तआला ने उन पर तवज्जो फरमाई और उन सब की बख्शिश फरमा दी।