आखरी अशरे में बुराइयों से बच कर गुनाहों की माफी मांग लेंः- मुफ्ती सऊद मुर्शिद क़ासमी


कानपुर:- जिस तरह किसी विशेष अवसर के आने पर इंसान अपने घरों के सजाते हैं उसी तरह रमज़ान आने पर रोज़ेदारों के लिये पूरी जन्नत खास तौर पर सजा दी जाती है और जब शैतानों को कै़द कर दिया और जन्नत को सजा दिया और नरक(जहन्नम) को बन्द कर दिया गया, हर तरफ से रहमतों की बारिश ,लोगों की बख्शिश और मग़फिरत के साथ-साथ जहन्नुम से आज़ादी मिल रही है, ईद के दिन स्वर्ग(जन्नत) का परवाना मिल रहा है यानि अल्लाह अपने बन्दों को जन्नत देना चाहते हैं, मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम जन्नत पहुंचाना चाहते हैं, कुरआन रास्ता बता रहा है, सहाबा किराम रजि0 और बुजुर्गाने दीन जन्नत के रास्ते पर चलने वाले नमूने हैं, और शैतान हमें स्वर्ग(जन्नत) से दूर करना चाहता है, नरक(जहन्नम) ले जाना चाहता है, अब अपने दिल से पूछ लीजिए कि आप कहां जाना चाहते हैं? इन विचारों को व्यक्त करते हुए कुल हिन्द इस्लामिक इल्मी अकादमी के सदस्य के मुफ्ती सऊद मुर्शिद क़ासमी ने फरमाया कि अगर स्वर्ग(जन्नत) जाना चाहते हैं तो हमें काम भी तो स्वर्ग वाले करने होंगे, या फिर सभी पापों वाले काम करने के बाद भी हम स्वर्ग चले जाएंगे? सब जानते हैं कि पापी(गुनाहगार) लोग स्वर्ग(जन्नत) में नहीं जाएंगे। इसलिए रमजान के अंतिम 6-7 दिन और बचे है अगर हमने इस मुबारक महीने में अल्लाह की अवज्ञा की और शैतान को खुश कर दिया तो आखिरी अशरे में बुराईयों से बचकर अल्लाह की ओर ध्यान लगा कर अपने गुनाहों की माफी मांग लें और अपने को स्वर्ग(जन्नत) का हकदार बना लें, शैतान के प्रयासों और योजनाओं को विफल कर दें।v