छावनी क्षेत्र के दुबका घाट पर दुबका नाला का औचक दौरा किया। : कमिश्नर

कानपुर । भारत सरकार, राज्य सरकार और स्थानीय प्रशासन द्वारा गंगा की स्वच्छता और प्रचुरता सुनिश्चित करने के लिए सभी संभव प्रयास किए जा रहे हैं। नेशनल मिशन फॉर क्लीन गंगा (एनएमसीजी) के तहत कई परियोजनाओं को लिया गया है और यह सुनिश्चित करने के लिए कई परियोजना पूरा किया गया है कि सीवेज और औद्योगिक अपशिष्ट जल को पूर्ण उपचार और गुणवत्ता की जांच के बिना गंगा में नहीं छोड़ा जाए। कुछ परियोजना निर्माणाधीन है और कुछ अतिरिक्त परियोजना प्रस्तावित किए गए है। कमिश्नर कानपुर ने आज छावनी क्षेत्र के दुबका घाट पर दुबका नाला का औचक दौरा किया। निरीक्षण के दौरान सीईओ छावनी बोर्ड श्री अरविंद द्विवेदी जीएम जल निगम (नमामि गंगे) श्री बीके गर्ग, क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी और अन्य साथ में थे। दुबका नाला वह है जिसे अब पूरी तरह से टैप नहीं किया गया है और न ही इसका कोई प्रोजेक्ट ही बनाया गया है। यह नाला गंगा में 0.5 एमएलडी अपशिष्ट जल का नदी में डिस्चार्ज कर रहा है। छावनी क्षेत्र के कुछ कॉलोनियों और गाँवों का वेस्ट पानी इस नाले में आता है। छावनी इस क्षेत्र में सीवेज और पाइपलाइन के बाद दिखता है। जल निगम ने इन क्षेत्रों में सीवर लाइन के दोहन और पम्पिंग या बिछाने की परियोजना को शामिल नहीं किया क्योंकि यह छावनी बोर्ड की प्राथमिक जिम्मेदारी थी कि यह सुनिश्चित किया जाए कि इन क्षेत्र में सीवर पाइपलाइन बिछाई जाए और सीवेज निकटतम पीपीपी के लिए उपचार हेतु पंप किया जाए। जब इन चिन्हित क्षेत्रों में सीवर लाइन नहीं होने के कारण के बारे में पूछताछ की गई तो सीईओ छावनी ने आयुक्त को बताया कि धन की कमी के कारण इन सीवेज पाइप लाइनों को नहीं बिछाया जा सका है। उन्होंने आयुक्त से यह भी कहा कि वे मंजूरी और वित्त पोषण के लिए भारत सरकार के साथ इन परियोजनाओं को लेने की कोशिश कर रहे हैं। आयुक्त द्वारा दिए गए महत्वपूर्ण निर्देश और निर्देश कमिश्नर ने नगर अयुक्त और जीएम जल निगम को डिस्चार्ज स्थल पर अपशिष्ट जल का "बायोरेमेडिएशन" की व्यवस्था कराकर तुरंत दुबा नाला के गंगा में प्रवाह को रोकने के लिए कदम उठाने का निर्देश दिया। आयुक्त ने सीईओ छावनी और जीएम जल निगम को दो दो अधिकारियों की प्रतिनियुक्ति करने और क्षेत्र अध्ययन करने और छावनी में इन क्षेत्रों में सीवर लाइनें बिछाने के लिए एक  प्रस्ताव तैयार करने के लिए कहा। एक बार प्रस्ताव तैयार हो जाता है तो इसे मंजूरी और अनुमोदन के लिए छावनी बोर्ड की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा। आयुक्त ने सीईओ छावनी को भी अपने विभाग और भारत सरकार के साथ इसका अनुश्रवण करने के लिए कहा ताकि छावनी क्षेत्र में सीवर लाइनों को बिछाने के लिए आवश्यक धनराशि मिल सके ताकि कोई भी सीवर बिना उपचार के गंगा में न बहे। आयुक्त ने नमामि गंगे परियोजना के तहत छावनी के इन इलाकों में जब मूल परियोजना डीपीआर तैयार किया गया था तब डबका नाला प्रस्ताव (सीवर लाइन बिछाने और टैप ना करने के लिए) नहीं लेने के लिए जीएम जल निगम को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया। आयुक्त ने बताया कि वह अगले एक सप्ताह में फिर से साइट पर जाएंगे ताकि यह देखा जा सके कि इस नाला डिस्चार्ज का लोकल टैपिंग और बायोरेमेडिएशन किया गया है की नहीं।s