शिक्षा में योगदान देने वालों को दिया अबुल कलाम आज़ाद एचीवमेंट अवार्ड


कानपुर शहर कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के तत्वावधान में साई इण्टर कालेज गोवा गार्डेन कल्यानपुर में महान स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, भारत रत्न देश के प्रथम शिक्षा मंत्री मौलाना अबुल कलाम आजाद की याद में शिक्षक सम्मान समारोह व संगोष्ठी शहर कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष फहद अब्बासी की अध्यक्षता में आयोजन किया गया जिसमें मुख्य अतिथि उ०प्र० कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के स्टेट कोआर्डिनेटर/मंडल प्रभारी इखलाक अहमद डेविड थे।

इखलाक अहमद डेविड ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आज़ाद भारत के एक प्रसिद्ध समाज सुधारक व विद्वान के साथ कवि, लेखक, पत्रकार, शिक्षा विशेषज्ञ और भारत की आज़ादी के सेनानी थे। भारत की आज़ादी के बाद वे एक महत्त्वपूर्ण राजनीतिक पद पर रहे। वे महात्मा गांधी के सिद्धांतो का समर्थन करते थे। उन्होंने हिंदू-मुस्लिम एकता के लिए कार्य किया, तथा वे अलग मुस्लिम राष्ट्र (पाकिस्तान) के सिद्धांत का विरोध करने वाले मुस्लिम नेताओ में से थे। अबुल कलाम आज़ाद के राष्ट्रीय विकास एवं शिक्षा में योगदान अविस्मरणीय रहा।

फहद अब्बासी ने कहा कि खिलाफत आंदोलन में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही। 1923 में वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के सबसे कम उम्र के प्रेसीडेंट बने। वे 1940 और 1945 के बीच कांग्रेस के प्रेसीडेंट रहे। आजादी के बाद वे रामपुर जिले से 1952 में सांसद निर्वाचित होकर भारत के पहले शिक्षा मंत्री बने। 22 फरवरी 1958 को इस दुनियां से रुखसत हुए।

संगोष्ठी के बाद शिक्षा में योगदान के लिए साई इण्टर कालेज गोवा गार्डेन कल्यानपुर की प्रधानचार्या विभावरी खान सहित इण्टर कालेज की शिक्षको/शिक्षिकाओं को सम्मानित कर मौलाना अबुल कलाम आज़ाद एचीवमेंट अवार्ड दिया गया। अवार्ड से सम्मानित होने वाले शिक्षक/शिक्षिकाओं में अलका यादव, साधना कटियार, निशा त्रिपाठी, लक्ष्मी सिंह, प्रियंका द्विवेदी, क्षमा द्विवेदी, स्वाति, प्रीति पांडेय, अर्चना मिश्रा, विष्वज्योति, पवन श्रीवास्तव, विभांशु द्विवेदी, शरद गुप्ता, राजेंद्र सोनकर रहे।

सम्मान समारोह व संगोष्ठी में उ०प्र० कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के स्टेट कोआर्डिनेटर/मंडल प्रभारी इखलाक अहमद डेविड, शहर अध्यक्ष अल्पसंख्यक कांग्रेस कमेटी फहद अब्बासी, उ०प्र० कांग्रेस कमेटी अल्पसंख्यक विभाग के सचिव मोहम्मद तुफैल खान आदि मुख्य रुप से मौजूद थे।