कानपुर:माहे रमज़ानुल मुबारक के आखिरी अशरा की 29 वीँ शब यानि पाँचवी ताक़ रात को तन्ज़ीम बरेलवी उलमा-ए-अहले सुन्नत की जानिब से चमनगंज मे सोशल डिस्टेंसिग के साथ खत्मे क़ादरिया शरीफ का विर्द हुआ और नात-ए-पाक की महफिल हुई जिसकी सदारत तन्ज़ीम के सदर हाफिज़ व क़ारी सैयद मोहम्मद फ़ैसल जाफ़री ने की उन्होंने कहा कि खत्म कादरिया शरीफ सरकार ग़ौसे आज़म रजि अल्लाहु अन्हु के नाम से निसबत है इसका विर्द कराने वाले के घर से बलाएं मुसीबतें दूर हो जाती हैं और रहमतों व बरकतों का नुज़ूल होता है यहाँ तक कि आस पड़ोस के लोग भी इसकी बरकत से महफूज़ रहते हैं यह जिस जायज़ मक़सद के लिए पढ़ा जाता है वह ज़रूर पूरा होता है इसका विर्द कराने से लोगो के बड़ेे से बड़े काम बन जाते है क़ारी आदिल अज़हरी और हाफिज़ सक़लैन ने बारगाहे रिसालत मे नात पाक का नज़राना पेश किया सलातो सलाम के साथ महफिल खत्म हुई और कोरोना जैसी वबा से निजात के लिए खुसूसी दुआ की गई और यह भी कहा गया कि अगले साल फिर रमज़ानुल मुबारक का महीना अता हो महफिल के बाद रोज़ेदारों के लिए सहरी का इन्तिज़ाम किया गया इस मौक़े पर हाफिज़ मोहम्मद इरफान,हाफिज़ हमज़ा,हयात ज़फर हाशमी,जियाउद्दीन अज़हरी,आकिब बरकाती,मोहम्मद मोईन जाफ़री आदि लोग मौजूद थे!
तन्ज़ीम बरेलवी उलमा-ए-अहले सुन्नत की जानिब से 29 वीँ शब को चमनगंज मे खत्मे क़ादरिया का विर्द हुआ