रमज़ान में एक नेकी का सवाब 70 गुना

कानपुर, रमज़ान के पवित्र माह में एक नेकी का  सवाब 70 गुना और एक गुनाह 70 गुनाह के बराबर हो जाता है इस पवित्र माह में दोज़ख (नरक) के दरवाज़े बंद कर दिये जाते है रमज़ान में रोज़े के दौरान सिर्फ भूखा, प्यासा रहना इबादत करना ही रोज़ा नही बुरे कार्यो से बचना जुबा से हमेशा सच बोलना, बुरा न देखना, गलत बात न सुनना, किसी की बुराई उसके पीठ पीछे न करना अगर रोज़दार सिर्फ भूख, प्यास का पालन कर गलत कार्यो में लगा रहता है तो उसको रोज़ा रखना का सवाब मिलना तो दूर वो अल्लाह की सज़ा का हक़दार हो जायेगा। रमज़ान में रोज़ा रखने व इबादत करने से उसकी दुआएं और गुनाहो की तौबा अल्लाह कुबूल करता है। रमज़ानुल मुबारक माह में भूखो को खाना प्यासे को पानी पिलाना भी इबादत 70 गुना सवाब का हक़दार है।पूरी दुनियां में जानलेवा वबा (कोरोना वायरस ) में लाखो लोगो की मौत हो गयी 10 लाख से ज़्यादा लोग इस जानलेवा वबा की चपेट मे आ चुके है हमारे प्यारे मुल्क हिंदुस्तान को भी इस वबा ने अपनी चपेट मे ले लिया है इस बीमारी को फैलने से बचाने के लिए हमारे मुल्क के वज़ीर ए आज़म ने पूरे मुल्क मे लाकडाउन लागू किया जिसके 40 दिन हो गये है और 17 मई तक उसे बढ़ाने का फैसला किया जिसका पालन हमारे मुल्क की आवाम पूरी तरह से कर रही है। देश के सभी धर्म स्थलों को बंद किया गया है रमज़ान के माह में मस्जिदों में नमाज़, तराबीह व शब ए कद्र की रातों का विशेष महत्व है लेकिन वबा से निजात के लिए हमे मुल्क मे लागू लाकडाउन का पालन करना ज़रुरी है।

पैगम्बर ए इस्लाम ने फरमाया जिस मुल्क मे रहे उस मुल्क के जायज़ कानूनो और मुल्क मे बनाए गये नियमों का पालन करे वबा व कोई ऐसी मुसीबत परेशानी आने पर नमाज़ो को मस्जिद के बजाए घरों पर ही अदा करे जब कोई फैलने वाली बीमारी जिससे मौत आ सकती हो अगर शख्स घर पर ही रहा सब्र करते हुए तो उसे मस्जिदों में इबादत के लिए न जाकर भी उसे घर पर रहने पर भी सवाब मिलेगा, हमे मुल्क के कानून के साथ कायनात के मुख्तार की बात मानते हुए बीमारी से निजात के लिए अल्लाह की बारगाह में दुआ करें व गरीबों की मदद करें।