कानपुर, अधिवक्ता कल्याण संघर्ष समिति द्वारा प्रदेश सरकार को पुनः ज्ञापन भेज कर लाक डाउन पीरियड में प्रतिअधिवक्ता रुपया 20,000 की आर्थिक राहत की मांग दोहराई गई ।संयोजक पं०रवीन्द्र शर्मा ने बताया कि केंद्र सरकार द्वारा कोराना बीमारी से बचाव हेतु 14 अप्रैल तक पूरे देश को लाक डाउन किए जाने से जो जहां है वही स्थिर है लाक डाउन के बीच प्रदेश सरकार द्वारा कई वर्गों को आर्थिक संकट से निवारण हेतु सहायता दी गई।इस मध्य काफी संख्या मेंअधिवक्ता गण भी आर्थिक संकट में है जिनकी तत्काल आर्थिक सहायता किए जाने हेतु 25 मार्च 20 को एक प्रतिवेदन मुख्यमंत्री जी को भेजा था प्राप्त जानकारी के अनुसार उसपर संज्ञान भी लिया गया ।किंतु कोई सकारात्मक आदेश की जानकारी नहीं मिली।इसपर आज पुनः दूसरा प्रतिवेदन ईमेल से मुख्यमंत्री को भेजा गया।कल 09-04-20 को न्यायमूर्ति गोविंद माथुर (मुख्य न्यायाधीश उच्च न्यायालय इलाहाबाद) एवम् न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा ने अधिवक्ताओं को मुंशियो सहित लाक डाउन के मध्य आर्थिक सहायता के लिए स्वतः संज्ञान लिया और नोटिस जारी की है उसके लिए हमारी संघर्ष समिति न्यायमूर्ति गोविंद माथुर मुख्य न्यायाधीश सहित उच्च न्यायालय इलाहाबाद के प्रति धन्यवाद ज्ञापित करती हैं और अधिवक्ता हित में उठाए गए इस कदम की प्रशंसा करती हैं
इस विषम परिस्थिति में अधिवक्ता गण अपनी आर्थिक स्थिति सामान्य बनाए रखने में असमर्थ हैं और मुख्यमंत्री जी से पुनःमांग की है कि लाक डाउन पीरियड में अधिवक्ताओं को तत्काल आर्थिक सहायता हेतु कम से कम ₹ 20,000 प्रति अधिवक्ता प्रदान किया जाना सुनिश्चित करें ताकि अधिवक्ताओं को मुंशियो सहित इस विपत्ति काल में राहत प्राप्त हो सके और हम सभी लाक डाउन पीरियड को सामान्य रूप से बिता सकें।
इस मौके पर मानवेंद्र जोशी ,सोमेंद्र शर्मा, तथा दूरभाष ( फोन )से एस के सचान,अविनाश बाजपेई ,विनय मिश्रा, राकेश तिवारी,शिखर चंद्रा,शशिकान्त पांडे,लवी गुप्ता, शिखर अरोड़ा, के के यादव ,अनूप सचान ,मनोज द्विवेदी,पशुपति पांडे,अमित अग्रवाल,विक्रम सिंह,हर्ष राज शुक्ला,शाहिद जमाल आदि रहे।