प्रत्येक रोगी व मृतक को तब्लीगी़ जमाअत से जोड़ना ठीक नहीं: मौलाना उसामा
कानपुर:- कर्नल गंज में रहने वाले शहर के मशहूर कारोबारी जनाब मुहम्मद अरशद साहब के इंतेका़ल पर जमीअत उलमा के प्रदेश अध्यक्ष और क़ाज़ी ए शहर कानपुर मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक़ उसामा क़ासमी ने खेद प्रकट करते हुए मरहूम के परिजनों के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त की। उन्होंने जमीअत उलमा के प्रदेश व जिला स्तरीय पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से मरहूम (मृतक) के लिए ईसाले सवाब व दुआए मग़फिरत की दरख्वास्त की।

मौलाना उसामा ने प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को सम्बोधित करते हुए इस बात पर सख्त अफसोस व्यक्त किया कि उनके इंतेकाल की ख़बर को तब्लीगी़ जमाअत से जोड़ कर दिखाया जा रहा है, मौलाना ने स्पष्ट किया कि मरहूम (मृतक) के बड़े भाई कर्नल गंज में जिस मस्जिद के मुतवल्ली हैं उनका घर उस मस्जिद से तकरीबन आधा किलोमीटर से ज़्यादा दूर है और अक्सर दूसरी मस्जि़द में नमाज़ अदा करते हैं, वह मस्जिद के ज़िम्मेदार हैं जबकि जमाअत के जिम्मेदार दूसरे लोग हैं, वह नहीं हैं और उनके छोटे भाई मरहूम मुहम्मद अरशद ना मस्जिद के ज़िम्मेदार थे और ना तब्लीग़ी जमाअत के और ना ही तब्लीग़ी जमाअत के सम्पर्क में रहे , लेकिन इलेक्ट्रॉनिक मीडिया ने उनको तब्लीग़ी जमाअत से जोड़ कर खबर चलाई जबकि यह ग़लत है। वह ना तो दिल्ली स्थित मरकज़ गये, ना ही कानपुर के किसी मरकज़ में उनका आना जाना था। मौलाना ने प्रत्येक रोगी व मृतक को तब्लीगी़ जमाअत से जोड़े जाने पर नाराज़गी व्यक्त करते हुए प्रिंट व इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से अपने इस रवैए में सुधार करने की अपील की है।