नर्स समेत चार में मिले कोरोना के लक्षण, जांच के लिए भेजा गया सैंपल

  • उर्सला और हैलट अस्पताल में कार्यरत हैं तीन पैरामेडिकल कर्मचारी




  • - कोरोना संक्रमित मरीजों के इलाज में लगी थी ड्यूटी



कानपुर । कानपुर में लगातार बढ़ रहे कोरोना पॉजिटिव मरीजों को देखते हुए जिला प्रशासन ने आज पूरी तरह से लॉकडाउन घोषित कर दिया है। यानी अब कोई भी व्यक्ति घर से बाहर नहीं निकल पायेगा और होम डिलीवरी से ही आवश्यक सामग्री पहुंचेगी। प्रशासन की सख्ती के बाद भी कोराना का संक्रमण जनपद में कम होने का नाम नहीं ले रहा है। रविवार को दो और कोरोना पॉजिटिव पाये जाने के बाद अब तीन पैरामेडिकल समेत चार लोगों में कोरोना के लक्षण पाये गये हैं। इन सभी के सैंपल लेकर जांच के लिए लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी भेजा गया है।


कानपुर में पाया गया पहला कोरोना पॉजिटिव मरीज 70 साल की उम्र में 15 दिन के इलाज के बाद कोरोना को मात देकर चंगा होकर अपने घर पहुंच गया और इस स्वास्थ्य महकमे के साथ जिला प्रशासन ने भी राहत की सांस ली, लेकिन क्वारंटाइन में चल रहे तब्लीगी जमातियों के सदस्यों में बराबर कोरोना पॉजिटिव मिलने से प्रशासन के साथ शहरवासियों में भी खलबली मची हुई है। जनपद में अब तक 10 कोरोना पॉजिटिव मरीज मिल चुके हैं और उनमें एक सही भी हो गया है पर बाकी नौ लोगों का इलाज जारी है। इन्ही लोगों के इलाज में लगे तीन पैरामेडिकल स्टॉफ में भी कोरोना के लक्षण पाये गये। लक्षणों के मिलने पर हरकत में आया स्वास्थ्य विभाग आनन-फानन में तीनों के सैंपल लेकर लखनऊ के किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी जांच के लिए भेजा गया। वहीं एक महिला भी संदिग्ध पायी गयी और लक्षण मिलने पर उसकी भी जांच लखनऊ भेजी गयी है। यही नहीं स्वास्थ्य विभाग जमातियों के संपर्क में आये लोगों की भी सूची बनाकर जांच कराने को तत्पर है। ऐसे में जनपद में अभी और कोरोना पॉजिटिव मरीजों के बढ़ने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।  

चार में एक बजुर्ग महिला भी
जिला महामारी वैज्ञानिक डा. देव सिंह ने बताया कि उर्सला की स्टाफ नर्स और एक अन्य कर्मचारी आइसोलेशन वार्ड में कार्यरत हैं। 10 दिन पहले संक्रमित मरीज को दवा देने गई थी। उन दोनों को दिक्कत हो रही है, जिस पर नमूना लिया गया है। वहीं हैलट अस्पताल के कोविड-19 हॉस्पिटल के लैब के एक टेक्नीशियन के अलावा श्याम नगर क्षेत्र की 70 वर्षीय महिला का नमूना लिया गया है।

चार की रिपोर्ट आयी निगेटिव
जिला महामारी वैज्ञानिक डा. देव सिंह ने बताया लखनऊ से चार और संदिग्धों की जांच रिपोर्ट आयी है और चारों निगेटिव पाये गये हैं। बताया कि इनमें एक मेडिकल कॉलेज की जूनियर रेजीडेंट, दो युवक और एक तब्लीगी जमात का सदस्य है। तब्लीगी जमात के सदस्य युवक को रामा मेडिकल कॉलेज और किदवई नगर के दोनों युवकों को संक्रामक रोग अस्पताल में क्वारंटाइन किया गया है।

स्वास्थ्य विभाग बना रहा सूची
शहर में सात तब्लीगी जमाती सदस्यों के कोरोना पॉजिटिव पाये जाने से स्वास्थ्य विभाग अब इनके संपर्क में आये लोगों की सूची बना रहा है। इसके साथ ही करीब आधा सैकड़ा तब्लीगी जमातियों को क्वारंटाइन के लिए रखा गया है। विभाग का मानना है कि यह लोग इस्लाम का प्रचार प्रसार के लिए शहर में बहुत से लोगों से मिले और उनके संपर्क में आने वालों की सूची बनाकर उनकी भी जांच करायी जाये, जिससे जनपद में कोरोना के संक्रमण की चेन को तोड़ा जा सके।

सैनिटाइज कर परिजनों को दिया गया शव
हैलट अस्पताल के कोविड-19 आईसीयू में भर्ती उन्नाव निवासी एक अधेड़ की  मौत हो गई। जिसको बुखार खांसी और सांस लेने में दिक्कत पर कोरोना संदिग्ध मानते हुए जांच कराई गई थी, जिसकी रिपोर्ट निगेटिव आई थी। जांच रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी अस्पताल प्रबंधन ने किसी प्रकार की लापरवाही नहीं बरती और शव को सैनिटाइज कराकर परिजनों को सौंपा। इसके साथ ही हिदायत दी गयी कि शव को खोले नहीं और अंतिम संस्कार में भीड़भाड़ से बचें। जिससे लॉकडाउन का सही से पालन हो सके और संक्रमण की चेन न बढ़ सके।