कोरोना वारियर्स के लिए शिव शंकर ने बनाई अनोखी मूर्ति बना जंग जीतने की दी प्ररेणा
 

कानपुर । कोरोना महामारी की जागरूकता को जन जन तक पहुचाने के लिए जहां सरकार सभी तरह के कार्य कर रही है। कानपुर यूनिवर्सिटी के फाइन आर्ट के छात्र ने मिट्टी से एक ऐसी मूर्ति को बनाया है जिसमें कोरोना वारियर्स की एकता को इस तरह दर्शाया है कि एक मिसाल बन सके। 

 

देश में आज जिस महामारी ने अपने पैर पसार कर रखे हुए हैं उसकी जागरूकता भी बहुत जरूरी है। इसी को लेकर सरकारें हर तरह के प्रचार प्रसार से लोगों को जागरूक करने का काम कर रही है। इस बीमारी में कुछ कोरोना वारियर्स भी हैं जो अपने घरों से दूर रहकर जनता की सुरक्षा और रक्षा के लिए अपने कर्तव्य को जान की परवाह किये बिना निभा रहे हैं। देश के प्रधानमंत्री ने देश मे चल रहे लॉक डाउन के दौरान जितनी बार भी अपने भाषण को दिया है उतनी बार कोरोना वारियर्स की सराहना की है और सभी को उनके सम्मान की बात कही है। उन कोरोना वारियर्स में डॉक्टरों को सफाई कर्मियों को नर्सिंग स्टाफ और पुलिस कर्मियों को रखा गया है। 

 

इस वक्त देश को इन सभी कोरोना वारियर्स के साथ मिलकर कैसे लड़ना है इसको लेकर छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय कानपुर के फाइन आर्ट के तृतीय वर्ष के छात्र शिव शंकर ने मिट्टी से एक अनोखी मूर्ति बनाई है। बांदा जिले के छोटे से गांव मैथ चंदवारा में रहने वाले शिव शंकर कानपुर यूनिवर्सिटी से फाइन आर्ट की पढ़ाई कर रहे हैं। इस वक्त उनका तृतीय वर्ष है। देश मे हुए लॉक डाउन के दौरान वो अपने घर निकल गए थे। इसी बीच उन्होंने कोरोना वारियर्स के लिए कुछ सोचा और एक ऐसी अद्भुत मूर्ति बना डाली जिसे देखकर मन स्तब्ध हो जाये। 

 

उन्होंने सात दिनों में जिस मूर्ति को तैयार किया है उसका उद्देश्य है कि सभी कदम से कदम मिलाकर चलते रहे जिससे आंगे हमारी जीत होगी। उन्होंने मिट्टी से सबसे पहले नीचे कोरोना को बनाया है उसके ऊपर उन्होंने एक बड़े बूट को बनाया है और उसमे चारों कोरोना वारियर्स को बनाया है। जिससे यह साफ दर्शाया गया है कि यह लोग अगर एक साथ कदम से कदम बढ़ाएंगे और आम जनता उनका साथ देगी तो हम कोरोना से आसानी से जीत सकेंगे। 

कहां से आई प्रेरणा 

शिव शंकर ने बताया कि वो लगातार इस खाली समय मे कई मूर्तियों का निर्माण कर चुके हैं। इस वक्त लॉक डाउन के चलते सभी घरों के भी है और खास कोई काम नही है तो वो अपनी प्रतिभा को और निखार रहे हैं। इन मूर्तियों को बनाने के दौरान ही उनके मन मे ख्याल आया कि क्यों में देश के लिए अपनी जान पर खेलकर लोगों की सुरक्षा में लगे कोरोना वारियर्स के लिए कुछ बनाएं। इसी के चलते उन्होंने इस मूर्ति का निर्माण करवाया।

अपनी कला को गांव में भी सीखा रहे 

फाइन आर्ट के छात्र शिव शंकर के पास जो प्रतिभा है वो इस लॉक डाउन के दौरान अपने गांव के बच्चों को भी एक एक करके इस कला को सीखा रहे हैं। वनिस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी पूरी तरह ध्यान दे रहे हैं। एक बार मे एक ही बच्चे को मूर्ति और अन्य कलाओं के कुछ तरीके सिखा रहे हैं।