गैर प्रान्तों के श्रमिकों की आमद से जनपद में कोरोना फैलने का मंडराया खतरा

- केवल मास्क के भरोसे बार्डर निगरानी में लगी पुलिस


- सीमा से जुड़े जिलों में महामारी फिर भी जनपद है अछूता


फतेहपुर। वैश्विक महामारी कोविड-19 के कहर से पूरा विश्व कराह रहा है। महाराष्ट्र, गुजरात व दिल्ली समेत कई प्रान्त इस महामारी की भयंकर चपेट में है। देश के अन्य स्थानों तक बीमारी फैलने से रोकने के लिये सरकार द्वारा लॉकडाउन लगाया गया है लेकिन सरकारी लापरवाही के कारण श्रमिकों के हो रहे पलायन के कारण कोरोना के मामले में लगतार वृद्धि हो रही है। कामकाज बन्द होने के बाद भूख प्यास की समस्या से जूझ रहे लोगों के पलायन से समस्या और गहरा गयी है। महानगरों से निकलकर गांव की ओर आ रही श्रमिकों की भीड़ अपने साथ कोरोना संक्रमण को ला सकती हैं। ऐसे में कोरोना संक्रमित जिलों की सूची से बाहर जनपद में भी संक्रमण फैल सकता है। गैर प्रान्तों से चोरी छिपे वापस लौट रहे श्रमिको को रोकने के लिये सीमा पर निगरानी की जा रही है। जरूरी वस्तुओं के ट्रकों में छिपकर आ रहे मजदूरो को पकड़ कर जनपद में अलग अलग जगह क्वारंटीन किया जा रहा है। जहाँ इन्हें 14 दिन तक रखने के बाद इनके जिलों में भेज दिया जायेगा। लगातार जनपद में प्रवासियों की आमद होने व इन्हें रोक कर क्वारंटीन किये जाने के कारण अब तक कोरोना संक्रमण से अछूते रहे जनपद पर भी कोरोना संक्रमित होने का खतरा गहरा रहा हैं। ट्रकों में छिपकर आने वाले इन प्रवासी श्रमिको द्वारा रास्ते में कितनों को संक्रमित कर दिया गया। इसका कोई अंदाजा नही लगाया जा सकता। यही नहीं इन्हें रोकने व जांच करने वाले पुलिस कर्मियों के पास भी कोई पीपीई किट तक नहीं होती ऐसे में उन्हें संक्रमित होने का खतरा हो सकता है। कई जनपदों में पुलिस कर्मियों के संक्रमित होने के बाद भी पुलिस प्रशासन की आंख नहीं खुली। इसके बाद भी प्रवासी श्रमिकों का आना जारी है। जो कही न कही जनपद के लिये चिंता का विषय है।