14 सेकेंड में शरीर को सेनिटाइज कर ड्यूटी करेंगे रेलवे कर्मचारी

- ऑटोमेटिक सैनिटाइज टनल से निकलने पर कर्मचारी हो जाएगा सेनिटाइज




कानपुर । देश में कोरोना वायरस संक्रमण के मरीज लगातार बढ़ ही रहे हैं और अब जनता भी लॉकडाउन खुलने का इंतजार कर रही है। ऐसे में लॉकडाउन खुलने के बाद भी सावधानियां बरतनी होगी। इसी को देखते हुए रेलवे ने ऑटोमेटिक सैनिटाइज टनल तैयार किया है और इससे 14 सेकेंड में एक कर्मचारी सेनिटाइज होकर बाहर निकल आएगा। हालांकि अभी यह व्यवस्था रेलवे के लोको शेडों में शुरु हुई है पर बताया जा रहा है कि लॉकडाउन खुलने से पहले ही प्रयास रहेगा कि सभी जगहों पर इसको चालू किया जा सके, ताकि कर्मचारियों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ न हो सके।  
चीन के वुहान शहर से चला जानलेवा वायरस कोरोना पूरे विश्व के लिए खतरनाक साबित हो रहा है और हर देश इस वायरस के खतरे से परेशान है। इससे भारत भी अछूता नहीं है और कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए अन्य देशों की भांति यहां पर भी कोरोना वायरस के संक्रमण की चेन को तोड़ने के लिए लॉकडाउन जारी है। यातायात का प्रमुख साधन रेलवे भी अपनी सभी सवारी गाड़ियों का परिचालन बंद कर दिया है। इसी बीच सोशल मीडिया में एक वीडियो वायरल हुआ जिसमें देखा गया कि लोग एक टनल से गुजर रहे हैं और वो स्वतः पूरी तरह से सेनिटाइज होकर निकल रहे हैं।
इस वायरल वीडियो को कानपुर रेलवे के फजलगंज इलेक्ट्रिक लोकोशेड के कर्मचारियों ने हकीकत में उतार दिया है। यहां के कर्मचारियों ने पुराने और वेस्ट मैटीरियल से कर्मचारियों को सैनिटाइज करने के लिए सेंसरबेस ऑटोमेटिक टनल तैयार किया है। मुख्यद्वार में इंट्री करने के बाद कर्मचारियों को इस टनल से होकर गुजरना होगा। आटोमेटिक टनल से सेनिटाइज होने के बाद ही कर्मचारी अंदर वर्कशॉप में काम कर सकेंगे।
अन्य जगहों पर भी शुरु हुई यह सेवा
कानपुर के फजलगंज स्थित इलेक्ट्रिक लोकोशेड के कर्मचारियों ने ऑटोमेटिक सेनिटाइज टनल तैयार किया है और इसके बेहतर परिणाम सामने आ रहे हैं और आगे भी इसकी जरुरत पड़ेगी। इसी को देखते हुए रेलवे के ज्यादातर लोकेशेडों में इस तरह का ऑटोमेटिक सेनिटाइज टनल बनाये जा रहे हैं। जानकारी के अनुसार झांसी, प्रयागराज, लखनऊ में भी यह व्यवस्था शुरु हो गयी है।  
इस तरह तैयार हुआ टनल
इसे बनाने में पुराने लोहे के एंगिल का एक फ्रेम तैयार किया गया है। जिसकी छत पर लोहे की टीनशेड वाली दो चादर लगाई गई हैं। वहीं बाहरी हिस्से में रेक्सीन का कवर डाला गया है। टनल की छत पर एक पाइप में तीन प्वाइंट देकर स्प्रिंकल लगाए गए हैं। जबकि दाहिनी और बाई ओर कमर की ऊंचाई तक पाइप लाइन डालकर तीन-तीन स्प्रिंकल लगाए गए हैं। टनल के इंट्रीगेट पर सेंसर वाला प्लेटफार्म लगाया गया है। प्लेटफार्म पर पैर रखते ही ऑटोमेटिक टंकी से जुड़ा पंप चालू हो जाएगा और अंदर से गुजरने वाले कर्मचारी को पूरी तरह सैनिटाइज कर देगा। जिस टैंक से पंप को कनेक्ट किया गया है उसमें एक फीसद सोडियम हाइपोक्लोराइड का सल्यूशन भरा है। टनल से गुजरने वाले कर्मचारी को नौ प्वाइंटों से निकलने वाला केमिकल उसे 14 सेकेंड में सैनिटाइज कर देगा।
स्टेशनों पर भी लगेगा टनल
कानपुर सेंट्रल स्टेशन के सीटीएम हिमांशू शेखर उपाध्याय ने बताया कि लोको शेड़ों में लगा ऑटोमेटिक सेनिटाइज टनल कोरोना महामारी से लड़ने में कर्मचारियों के लिए लाभदायक साबित हो रहा है। रेलवे इसको लेकर बेहद गंभीर है और रेलवे का प्रयास है कि लॉकडाउन खुलने से पहले ही इस तरह के टनल स्टेशनों पर भी लगाये जाएं, ताकि कर्मचारियों के स्वास्थ्य से खिलवाड़ न हो सके। उन्होंने बताया कि लॉकडाउन खुलने के बाद भी सावधानी बरतना बेहद जरुरी होगा और इस पर रेलवे जल्द ही ऐसी व्यवस्था करने पर विचार करेगा।