- या अल्लाह कोरोना वायरस का खतमा फरमा कोरोना वायरस से भारत समेत पूरी दुनिया की हिफाज़त फरमा
- आल इण्डिया गरीब नवाज़ काॅसिंल के मरकजी कुल में मौलाना मुहम्मद हाषिम अषरफी ने हिन्दुस्तान समेत पूरी दुनिया में अमनों अमान और खुशहाली के लिये दुआ करायीं।
कानपुर, ऐ अल्लाह हमारी सुरक्षा फरमा आफतो और मुसीबतो से छुटकारा देदे या अल्लाह कोरोना वायरस का खतमा फरमा कोरोना वायरस से भारत समेत पूरी दुनिया की हिफाज़त फरमा अल्लाह हम तेरे बन्दे हैं और तेरी बारगाह मे तौबा करते है। हमारी तौबा कबूल फरमा। हमें हर तरह के पाप और बुरे कामों से सुरक्षित फरमा ऐ अल्लाह तू जो चाहे छीन ले तू जो चाहे दे दे तू ही हाकिम तू ही मददगार तू ही जरूरतों को पूरा करने वाला है। पताल से लेकर आकाश तक तेरी ही बादशाहत हैं ऐ अल्लाह हमारी परीक्षा न ले। जिन बन्दों की परीक्षा तूने लिया है उनके सदके हमारी परीक्षा माफ फरमा दें। ऐ अल्लाह मुल्क से तहशतगर्दी और फिरका परस्ती को मिटा दे दिल्ली में अमन अता फरमा जो फसाद में ज़ख़्मी हुए उनको सेहत अता फरमा दे और अमनो शान्ती का माहौल बना दे। । ऐ अल्लाह हमारे मुल्क को हरा भरा करके खुशहाली दे अल्लाह तू हम सब से राजी हो जा। और हम से वो काम ले जिससे तू और तेरा नबी राजी हो। ऐ अल्लाह समाज में फैली हुई बुराईयों को खतम कर दे। ऐ अल्लाह हमारे समाज को अच्छा कर दें। ऐ अल्लाह जवान बेटीयों का रिश्ता देदे। ऐ अल्लाह जो निर्दाष लोग जेल मे हैं हजरत ख्वाजा गरीब नवाज के सदके में उन्हें रिहायी देदे। नमाज, रोजा, हज, जकात आदि की तौफीक देदें। आल इण्डिया गरीब नवाज़ के तत्वाधान में आयोजित मरकजी कुल शरीफ कंघी मोहाल बडा इमाम चैक में कौन्सिल के राष्ट्रिय अध्यक्ष मौलाना मोहम्मद हाशिम अशरफी ने नम आखों से दुआ की तो आमीन कहने वालो की आखों से आँसू बहने लगे। कुल में उपस्थित लोग भी दुआ में व्यस्त थे। हाथों को उठाये हुऐ थे। और गिड़गिड़ा कर मांग रहे थे। मौलाना अशरफी ने जब ख्वाजा गरीब नवाज की दुहायी देते हुए मुल्क की खुशहाली,तरक्की शांति की प्रार्थना की तो लोग जज़बाती होकर या ख्वाजा या ख्वाजा की गुहार लगाने लगे। और फिर प्यार भरा नारा ख्वाजा ख्वाजा कहते है हिन्दुस्तान में रहते है की आवाजें हर तरफ से आने लगी। आल इण्डिया गरीब नवाज़ काउन्सिल ने एनआरसी,एनपीआर,सीएए का विरोध करते हुए कहा धारा 14 के तहत धर्म के आधार पर किसी भी कानून की गुंजाइश नहीं और दिल्ली सरकार,भारत सर्कार से यह मांग करती है कि फसाद में शहीद होने वालों के घर वालों में से किसी एक को सरकारी नौकरी दी जाये इससे पूर्व दर्जनों ओलमा ने अपनी तकरीरों मे कहा कि हम माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से अपील करते हैं कि ख्वाजा गरीब नवाज जो पूरे देश विदेश के लिए एक महान संत पुरूष है उनके उर्स रजब की छुट्टी को राष्ट्रीय अवकाश घोषित करें मौलाना अशरफी ने कहा ख्वाजा गरीब नवाज का आस्ताना ऐसा आस्ताना है जहाँ मुगलिया बादशाह से लेकर अमरीकी राष्ट्रपति ओबामा तक सैकड़ों शासको ने अपनी उपस्थति दी। और मुहब्बत की चादर चढ़ा कर अपनी कामयाबी की प्रार्थना की पण्डित जवाहर लाल नेहरू ने कहा था कि दुनिया के अनेक भागों से ख्वाजा गरीब नवाज की दरगाह की सुरक्षा के संबध मे हजारो पत्र हमें प्राप्त हुऐ है। इसलिय में पूरी जिम्मेदारी के साथ ऐलान करता हूँ कि इस पवित्र दरगाह की सुरक्षा हर हाल में की जायेगी। और उसकी इज्ज़त आबरू पर कभी आँच नहीं आने दिया जायेगा। ये अमन का आस्ताना और शांति का केन्द्र हैं। मौलाना अशरफी ने ये भी कहा कि कौन्सिल के कार्य भारतीय स्तर पर चलाये जा रहें हैं। भारत के कोने कोने से छुट्टी की मांग हो रही है। जब तक छुट्टी न होगी गरीब नवाज के चाहने वाले और गरीब नवाज कौन्सिल चुप ना बैठेगी। हजरत गरीब नवाज ने पूरी दुनिया को सच्चाई का मार्ग दिखाया। आज भी आप के आस्ताने पर हिन्दू मुस्लिम, सिख, ईसाई सभी धर्मो के लोग बड़े प्रेम से आते है। आज जरूरी है कि गरीब नवाज के मिशन को पूरे भारत में ही नहीं बल्कि पूरी दुनिया में फैलाया जाये। ख्वाजा गरीब नवाज का मिशन माँ बाप का दिल न दुखाओं, धुम्रपान यानी शराब गांजा, अफीम, स्मैक, चरस से बचना और बेसहारा गरीबो, मोहताजों की मदद करना है। मौलाना अशरफी ने दहशत गर्दी पुरज़ोर निंदा की और कहा इस्लाम का दहशत गर्दी से कोई सम्बन्ध नहीं । औलमा ने कहा ख्वाजा गरीब नवाज़ ने मानवता, इन्सानियत मुहब्बत भाईचारा का सदेंश दिया। इसको फैलाने की जरूरत है। कि इसके जरिये दहशतगर्दी और फिरकापरस्ती खत्म होगी। ख्वाजा गरीब नवाज़ का संदेश अपने आप में एक उदाहरण है। बे सहारा मजबूरो और अपाहिजो को बिना भेद भाव के सुबहो शाम आप के लगंर से खाना खिलाया जाता है। इससे पूर्व जलसे का आगाज़ कुरान पाक की तिलावत से कारी मुहम्मद अहमद ने किया।कारी कलीम नूरी ने दरूद ए ताज पढ़ा जलसे का संचालन हाफिज़ नियाज़ अशरफी और हफ़ीज़ मो0अरशद अशरफी ने किया। शायरों ने गरीब नवाज की बारगाह में मनकबत पढ़ी। कुल शरीफ का आयोजन बड़े ही हर्ष और उल्लास से प्रारम्भ हुआ। शब्बीर भईया, मुहम्मद समी कुरैशी, जु़बैर वारसी, सईद उर्फ गुडडू, मुहम्म्द शारिक, मुहम्मद फकरू, मुहम्मद वासिफ अशरफी,जावेद,अजमत भाई,मुन्ना मियां,ताहिर हसन,मो नईम,शाहे आलम ने मेहमानों का हार फूल से इस्तकबाल व स्वागत किया। इस अवसर पर खास तौर पर अदनान राफे सज्जादा नशीं जाजमऊ,इरशाद आलम,मुज़म्मिल हुसैन, मो0शाह आज़म बरकाती, हाफिज मिन्हाजउद्दीन क़ादरी अब्दुल माबूदए मौलाना मोइन उद्दीन अशरफी ए युसूफ रज़ा, मो इदरीस,अकील हसन बव्वन,मौलाना गुलाम हसनए मौजूद रहें।