ख्वाजा का मरकज़ी कुल शरीफ खानकाहे हुसैनी में संपन्न




मोहम्मदी यूथ ग्रुप के ज़ेरे एहतिमाम जशने गरीब नवाज़ हज़रत ख्वाजा मोईनुद्दीन हसन चिश्ती गरीब नवाज़ का 808वां कुल शरीफ खानकाहे हुसैनी हज़रत ख्वाजा सैय्यद दाता हसन सालार शाह मे अदबो एहतिराम, अकीदत धूम-धाम के साथ मनाया गया।

खानकाहे हुसैनी मे बाद नमाज़ फज़िर कुरानख्वानी का एहतिमाम किया गया फिर मज़ार शरीफ का गुस्ल इत्र से कर गुलपोशी की गयी जशन ए गरीब नवाज़ का आगाज़ कलाम ए पाक की तिलावत के साथ हाफिज़ अब्दुल वहीद बरकाती ने किया शोरा ए कराम ने गरीब नवाज़ की शान मे हम प्यादे है वज़ीरों मे गिने जाते है सिल सिलाएं चिश्त के फकीरों मे गिने जाते है जबसे डाली है ख्वाजा ने इनायत की नज़र काँच के टुकड़े है हीरों मे गिने जाते है।

जलसे की सदारत काज़ी ए शहर हज़रत मौलाना सैय्यद कमर शाहजहाँपुरी ने की। जलसे को हज़रत मौलाना कारी हसीब अख्तर शाहिदी ने खिताब करते हुये कहा कि नमाज़ कुरान व इल्म से दूरी रखने वाले मोहब्बत इंसानियत अखलाक से दूर हो रहे है गरीब नवाज़ ने नमाज़ कुरान इल्म को बेहद अहम बताया व मोहब्बत, इंसानियत अखलाक का ऐसा पैगाम दिया जिसकी बदौलत ही हिंदुस्तान मे इतने मज़हब के मानने वाले होने के बावजूद सब एक धागे से बंधे है दुनिया के मुल्क उनके बताए हुए रास्ते पर चलने की प्रेरणा लेकर अपने मुल्क की आवाम को सीख देते है यह हमारी खुशनसीबी है के आका मौला हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स०अ०व०) ने गरीब नवाज़ को हिंद की खिलाफत अता कर हिंदुस्तान भेजा। 

गरीब नवाज़ के दरबार मे हिंदू मुस्लिम सिख ईसाई सभी मज़हबों के लोग आते है और फैज़ पाते है दुनिया के ताकतवर मुल्क के राजा भी हिंद के सुल्तान मे अपनी आस्था रखते है गरीब नवाज़ के बताए रास्तों पर चलकर ही हम कामयाब हो सकते है। ख्वाजा गरीब नवाज़ ज़िंदाबाद, ख्वाजा का हिंदुस्तान ज़िंदाबाद के नारे बुलंद किये गये। कुल शरीफ की आखिरी रस्म अदा कर दुआ हुई जिसमें उलेमा ए दीन ने अल्लाह से आका मौला हुज़ूर सरकार हज़रत मोहम्मद मुस्तफा (स०अ०व०), गरीब नवाज़ के सदके मे मुल्क सूबे व शहर मे अमनो अमान कायम रहने, खुशहाली व तरक्की देने व गरीब नवाज़ के बताए हुए रास्तों पर चलने की दुआ हुई।

उर्स में मौलाना काज़ी ए शहर मौलाना कमर शाहजहाँपुरी, इखलाक अहमद डेविड, हाजी निज़ामुद्दीन, मुरसलीन खाँ भोलू, सैय्यद मोहम्मद अतहर, कारी कलीम नूरी, शमशुद्दीन, हाजी दिलशाद, रिज़वान समी, हाजी मेराज, मोहम्मद अहमद, शाह आलम, मोहम्मद उमर, नईमुद्दीन, हाफिज़ अब्दुल वहीद, मोहम्मद अज़हर, मोहम्मद मुनीर अज़हरी, सैय्यद शादाब अली, हाफिज़ मोहम्मद कफील, ज़ियाउद्दीन, हाजी उस्मान, सैय्यद मोहम्मद तलहा, फैज़ान खान अज़हरी, मोहम्मद चाँद, हाजी मोहम्मद नासिर खान, इस्लाम चिश्ती, गुफरान मजीद, अफज़ाल अहमद, नूर आलम, सलामुद्दीन, मोहम्मद गुलरेज़, मोहम्मद तौफीक, शारिक वारसी, इशरत अली, युनुस खान, मोहम्मद जावेद, अबरार अहमद, मोहम्मद हफीज़, मोहम्मद असलम, मोहम्मद मुबश्शीर, परवेज़ आलम आदि सैकड़ो लोग मौजूद थे।