खाली राप्ती सागर ट्रेन में छुपकर बैठे थे 85 लोग, सेन्ट्रल स्टेशन पर उतार की गई 'कोरोना' जांच



तिरुवंतपुरम से गोरखपुर जा रही थी ट्रेन, सभी का सोशल डिस्टेंसिंग के साथ डाक्टरों की टीम ने जांच के बाद भेजा गया घर


कानपुर । चीन से चलकर कई देशों को पहुंच चुके कोरोना वायरस वैश्विक आपदा बन गया है। भारत में इसके खतरे को देखते हुए 21 दिनों का लॉक डाउन चल रहा है। इस दौरान सभी प्रकार की यात्राओं के साथ लोगों को घरों में रहने की हिदायत दी गई है।

इन सब के बीच गुरुवार को जैसे ही गुरुवार को राप्ती सागर सुपरफास्ट ट्रेन में छुपकर बैठे लोगों की सूचना कानपुर सेन्ट्रल स्टेशन पहुंची, हड़कम्प मच गया। यात्री रेल सेवाओं के बंदी के बीच इस सूचना के मिलते ही सेन्ट्रल स्टेशन पर गाड़ी के पहुंचने से पूर्व ही रेलवे, आरपीएफ, जीआरपी, एलआईयू सहित डाक्टरों की टीम पहुंच गई।

गाड़ी के आते ही जनरल कोच में छुपे सभी 85 लोगों को उतारा गया और सोशल डिस्टेंसिंग के बीच जांच की गई। कोरोना की संभावना के न मिलने पर सभी को होम क्वारंटाइन की मुहर लगाई गई। इनमें से 25 लोगों को मुहर लगाने के बाद गाड़ी के साथ गोरखपुर के लिए रवाना कर दिया गया।

जानकारी के मुताबिक, गुरुवार दोपहर में सेंट्रल स्टेशन के डायरेक्टर हिंमाशु शेखर उपाध्याय, आरपीएफ प्रभारी पीके ओझा, जीआरपी थाना प्रभारी राम मोहन राय को सूचना मिली कि झांसी रेलवे स्टेशन पर तिरुवंतपुरम से गोरखपुर जा रही यात्री गाड़ी राप्ती सागर सुपरफास्ट ट्रेन में 110 लोगों को उतारा गया है। इनमें से जांच के बाद 85 लोगों को जिला प्रशासन की संस्तुति लेते हुए आगे के लिए रवाना किया गया है। इस सूचना के मिलते ही रेलवे के साथ कानपुर प्रशासन में हड़कम्प मच गया।

जानकारी के आधार पर सीटीएम हिमांशु शेखर, आरपीएफ, जीआरपी, एलआईयू के अफसर व कर्मी डाक्टरों की टीम के साथ प्लेटफार्म नम्बर एक पर पहुंचे और गाड़ी के आने का इंतजार करने लगे। गाड़ी जैसे ही सेन्ट्रल प्लेटफार्म पर रुकी, उसमें सवार सभी लोगों को उतारा गया। सावधानी के बीच प्लेटफार्म पर बैठाकर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ सभी लोगों की कोरोना वायरस की जांच की गई। जांच में किसी के भी वायरस संक्रिमत न होने बात सामने आई। जिसके बाद सभी के हाथों में होम क्वारंटाइन की मुहर लगाई गई।

25 को गाड़ी से भेजा गया गोरखपुर
सेन्ट्रल स्टेशन पर राप्ती सागर ट्रेन से उतारे गए 85 लोगों की मेडिकल टीम ने जांच की। जांच के बाद सभी के होम क्वारंटाइन की मुहर लगाई गई। इन लोगों में 25 लोग गोरखपुर के थे। जिन्हें जांच के बाद गाड़ी के साथ ही गंतव्य के लिए रवाना कर दिया गया। इन सभी को रास्ते में खाने के लिए लंच पैकेट देते हुए किसी भी जगह न उतरने व किसी से न मिलने की हिदायत दी थी।
 
आईआरसीटीसी व पैंट्रीकार कर्मी थे सभी
सेंट्रल स्टेशन के अफसरों ने बताया कि जिन लोगों को यहां पर रोका गया है, उसमें से अधिकतर आईआरसीटीसी से सम्बद्ध पैंट्री कार कर्मचारी हैं। इन सभी की जांच के बाद उनके हाथों में होम क्वारंटाइन की मुहर लगा दी गई है। जो कानपुर व आसपास के हैं उनमें 60 लोगों को इनके गंतव्य स्थानों तक भेजने की व्यवस्था की जा रही है। इन सभी को होम क्वारंटाइन के दौरान अपने घरों में रहने की हिदायत भी दी गई है।

कानपुर सेंट्रल स्टेशन के डायरेक्टर का कहना
सेंट्रल स्टेशन के डायरेक्टर हिंमाशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि उन्हें सूचना मिली कि ट्रेन नंबर 2512 राप्ती सागर एक्सप्रेस की खाली रेक से कई लोग कानपुर आ रहे हैं। यह ट्रेन दक्षिण भारत के त्रिवेंद्रम से गोरखपुर के बीच चलती है। यह जानकारी मिलते ही सेंट्रल स्टेशन के अफसर अलर्ट हो गए। कोरोना के खतरे के बीच स्टेशन पर फोर्स के साथ मेडिकल टीम को भी बुलाया गया। ट्रेन जैसे ही सेंट्रल स्टेशन पर आकर रूकी, उसमें सवार 85 यात्री को उतारा गया और डाक्टरों से जांच कराई गई। जांच के बाद 25 यात्री उसी ट्रेन से आगे चले गए। किसी यात्री में कोरोना के लक्षण नहीं मिले। फिर भी डॉक्टरों द्वारा सभी को होम क्वारंटाइन का स्टैम्प लगाया गया। बाकी सफर कर रहे यात्रियों की सूचना लखनऊ मण्डल को दे दी गयी।