जीवन के हर मोड़ पर शिक्षा की उपयोगिता: मौलाना यासूब अब्बास

प्लाजमा वाल और स्काइप से शिक्षण विधियों का प्रदर्शन किया गया
राष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन 30 से अधिक शोध पत्र प्रस्तुत किये गये



लखनऊ। शिया पी.जी. कालेज में भौतिकी विभाग द्वारा आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सेमिनार के दूसरे दिन आज शिक्षकों, वैज्ञानिकों एवं शोधार्थियों ने इनोवेटिव मेथेड्स आफ टीचिंग फिजिक्स विषय पर नई-नई तकनीकों के माध्यम से शिक्षण की विभिन्न विधाओं को प्रस्तुत किया। इस अवसर पर विभाग के छात्रों द्वारा जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में भौतिक विज्ञान की उपयोगिता को दर्शाते पोस्टरों की प्रदर्शनी भी लगाई गई।
समापन सत्र के मुख्य अतिथि मौलाना यासूब अब्बास, सिक्रेटरी, मजलिसे उलेमा ने कहा कि शिक्षा केवल रोजगार पाने का साधन मात्र नहीं है, बल्कि जीवन के हर मोड़ पर इसकी उपयोगिता है। अतः हम सभी की शिक्षा को लेकर जागरूक रहने और प्रसार करने जिम्मेदारी है। इससे पूर्व दो तकनीकी सत्रों का आयोजन किया गया जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफेसर अचल श्रीवास्तव, डाॅ. अखिलेश पाण्डेय (डीआरडीओ नई दिल्ली), डाॅ. रामकुमार, डाॅ. आर.वी. सिंह, डाॅ. हरिशंकर सिंह, सेमिनार कोआर्डिनेटर डाॅ. सैयद अली कौसर रिजवी, डाॅ. शाद हुसैन, आयोजन सचिव डाॅ. के.सी. दुबे, डाॅ. तनवीर हसन समेत 30 से अधिक प्रतिभागियों ने अपने-अपने शोध पत्रों के माध्यम से भौतिकी शिक्षण की नई-नई विधियों को प्रस्तुत किया।
डाॅ. अखिलेश पाण्डेय, साइंटिस्ट (ई) डीआरडीओ, नई दिल्ली ने स्काइप के माध्यम से आॅनलाइन शिक्षण और इसकी उपयोगिता के साथ-साथ भौतिकी शिक्षण की विभिन्न विधियों के बारे में चर्चा की। प्रो. अचल श्रीवास्तव ने शिक्षण के क्षेत्र में ‘प्लाजमा वाल’ के लाइव प्रदर्शन से होलोग्राफ और लेसर के सिद्धांतों को सरल तरीके से समझाया। उन्होंने अपने प्रजेंटेशन में भविष्य की शिक्षण पद्धति का बेहतरीन प्रदर्शन किया। सेमिनार संयोजक डाॅ. बी.बी. श्रीवास्तव ने भौतिकी शिक्षण के अभिनव तरीकों का जिक्र करते हुए रोचक दृष्टांतों और कहानियों के माध्यम से शोध पत्र को प्रस्तुत किया।
इस अवसर पर देश भर से आये हुए प्रतिभागियों ने अपने शोध पत्रों के माध्यम से देश-विदेश में इनोवेटिव मेथेड्स आफ टीचिंग फिजिक्स विषय पर अपने विचार रखे।