दस्तारबंदी में मुल्क में कोरोना वायरस से हिफाज़त की दुआ हुई

कानपुर, मदरसा इस्लामियां अशरफियां ग्वालटोली में सालाना जलसा व दस्तारबंदी जोशोखरोश के साथ मनाया गया। जलसे में 4 बच्चों के सर पर पगड़ी बाँध उनको सार्टिफिकेट दिये गये दस्तारबंदी के साथ ही इम्तियाजी नंबर हासिल करने वाले तलबाओं को इनामात से नवाज़ा गया। मदरसे की सालाना रिपोर्ट पेश की गई और दीनी तालीम की अहमियत को बताया गया।

 

जलसे में मुख्य अतिथि कछौछा शरीफ से सैय्यद अबू बकर शिबली मियाँ रहे और सदारत काजी ए शहर मोहम्मद आलम रज़ा खाँ नूरी ने की। जलसे का अगाज़ हाफिज़ मुशीर अहमद ने तिलवते कुरानपाक के साथ किया। 

जलसे मे हुज़ूर सरकार की शान में शोएब अज़हरी ने मनकबत पढ़ी। मंच पर उलेमा ए दीन के हाथों मदरसे से फारिग हुए हाफिज़ ए कुरान बच्चों की दस्तारबंदी कर शिक्षा को उच्चतर स्तर तक ले जाने पर लोगो ने चर्चा की और इसे विस्तरित करने मे सहयोग देने का संकल्प दर्शाया। काज़ी ए शहर ने इल्म व हिकमत के फजाइल बयान किया मदरसे के प्रिंसिपल कारी मेंहदी हसन ने मदरसे की सालाना रिपोर्ट पेश कर दीनी तालीम की अहमियत को बताया। जलसे के आखिर मे सैय्यद अबू बकर शिबली मियाँ ने शांति, भाईचारा एवं सद्भावना के साथ मुल्क से कोरोना वायरस से सभी हिंदुस्तान के बाशिंदों की हिफाज़त की दुआ की।

जलसे मे मुख्य रुप से सैय्यद अबू बकर शिबली मियाँ, मौलाना मोहम्मद आलम रज़ा खाँ नूरी, कारी मेंहदी हसन, हाफिज़ मुशीर अहमद, मौलाना जुनैद अख्तर, हाफिज़ जावेद, मोहम्मद आसिफ, अहमद रज़ा, शोएब अज़हरी मौजूद रहे।