‘मेक इन इंडिया’ के तहत चलाई गई ‘वंदेभारत’ ट्रेन ने पूरा किया एक साल का सफर
-सफल संचालन व एक साल पूरा करने पर सेन्ट्रल स्टेशन पर मनाया गया जन्मदिन
-कानपुर सेंट्रल पर गाड़ी के पहुंचते ही रेलवे अफसरों ने यात्रियों व स्टाफ कर्मियों का किया  स्वागत




कानपुर । एक वर्ष पूर्व आज ही के दिन रेलवे प्रशासन ने भारत में निर्मित पहली ट्रेन वंदेभारत का सफल संचालन शुरु किया था। मंगलवार को गाड़ी के एक साल का सफर पूरा करने पर भव्य समारोह का आयोजन हुआ। कानपुर के सेन्ट्रल स्टेशन पर वंदे भारत ट्रेन का पहला जन्मदिन मनाया गया। जैसे ही गाड़ी संख्या 22436/35 नई दिल्ली से वराणसी के बीच चलाई गई प्रथम वंदे भारत एक्सप्रेस कानपुर सेंट्रल पहुंची उसका रेलवे अफसरों ने भव्य स्वागत किया।
सेन्ट्रल स्टेशन पर डिप्टी सीटीएम हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि ‘वंदे भारत’ एक्सप्रेस ट्रेन के एक साल का सफर सफलता पूर्वक पूरे करने पर अफसर व कर्मी उत्साहित है। इसको देखते हुए एक समारोह का आयोजन किया गया है। इसमें गाड़ी के प्लेटफार्म नम्बर पांच पर पहुंचते ही खुशी का माहौल रहा। यहां पर रेलवे प्रशासन के अफसरों ने भव्य स्वागत किया। अफसरों ने गाड़ी में सफर कर रहे मुसाफिरों को माला व पुष्प देकर बधाई दी। इस मौके पर गाड़ी में बैठे बच्चों को चॉकलेट व मिठाई खिलाई गई। इसके साथ ही चालक दल के साथ गाड़ी के पूरे स्टॉफ का भी स्वागत किया गया। साथ ही केक काटकर खुशियां मनाई गई। समारोह के बाद गाड़ी को अपने गंतव्य के लिए रवाना किया गया। कार्यक्रम में मुख्य रूप से आरएनपी त्रिवेदी (एस.एस.), दिवाकर तिवारी (सीआईटी) सहित अन्य स्टेशन स्टाफ मौजूद रहा।
भारत में निर्मित ‘वंदे भारत’ एक्सप्रेस ट्रेन की विशेषता
डिप्टी सीटीएम हिमांशु शेखर उपाध्याय ने बताया कि यह स्वदेशी रूप से डिजाइन की गई सेमी-हाई-स्पीड ट्रेन है। इसे भारत में ही चेन्नई स्थित इंट्रीगल कोच फैक्ट्री में मात्र 18 महीनों की कड़ी मेहनत के बाद बनाया गया है। गाड़ी को 100 करोड़ की लागत से निर्मित किया गया है। वैसे तो ट्रेन में यात्री सुरक्षा से लेकर सभी व्यवस्थायें दी गई हैं, लेकिन ट्रेन की मुख्य विशेषता यह है कि वह वराणसी से दिल्ली तक का सफर केवल दो स्टॉपेज में पूरा करती है। दिल्ली से चलकर कानपुर व यहां से रवाना होने के बाद प्रयागराज में ही गाड़ी का ठहराव है और पूरा सफर केवल आठ घंटे में तय करती है। वर्तमान सरकार की महत्वाकांक्षी योजना के तहत ट्रेन को ‘मेक इन इंडिया’ अभियान के तहत भारत में ही निर्मित किया गया। आज वंदेभारत का सफल संचालन का एक वर्ष पूरा होने पर सम्पूर्ण रेल प्रशासन उत्साहित है।