मौरंग घाट से माननीयों के गुण्डा टैक्स वसूली की जल्द होगी सीएम से शिकायत 


रानीपुर घाट का दृश्य। 


फतेहपुर। एक ओर जहां प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने माननीयों को भ्रष्टाचार से दूर रहने व अवैध मौरंग खनन को बंद कराये जाने का दम्भ भरते हैं वहीं जिले में एक बार फिर ऐसा कारनामा सामने आया है जहां सत्तापक्ष के एक माननीय के भ्रष्टाचार की करतूस आडियो के रूप में उजागर हुयी है। धाता थाना क्षेत्र के अन्तर्गत आने वाली रानीपुर, दामपुर व किशनपुर थाना क्षेत्र के मझिगवां मौरंग घाट में माननीय द्वारा गुण्डा टैक्स की वसूली के रूप में प्रति महीना पांच लाख रूपये व प्रतिदिन पांच ट्रक मौरंग बिना रायल्टी के संचालक से ली जा रही है। इस खेल में कई सत्ता पक्ष के नेता भी शामिल हैं। रानीपुर घाट संचालक ने अपना दुखड़ा सुनाया। माननीयों की करतूतों का आडियो वायरल होते ही जिले में चर्चाओं का बाजार गर्म हो गया है। प्रतिदिन लाखों रूपये का राजस्व को चूना लगाया जा रहा है। इस मामले में जिम्मेदार अधिकारियों ने चुप्पी साध रखी है। घाट संचालक का आरोप है कि किशनपुर पुलिस ने साजिश के तहत ग्यारह ट्रक सीज किये थे। माननीयों के भ्रष्टाचार की शिकायत भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से कर दी गयी है। सारे सबूतों के साथ जल्द ही घाट संचालक मुख्यमंत्री से मिलकर शिकायत करेगा। 
बताते चलें कि जिले में कई मौरंग घाट संचालित हो रहे हैं। इन सभी घाटों का पट्टा किया गया है। जिसके तहत किशनपुर थाना क्षेत्र के अन्तर्गत मझिगवां व धाता थाना क्षेत्र के अन्तर्गत रानीपुर, दामपुर मौरंग घाट आते हैं। इन सभी घाटों पर अवैध मौरंग खनन के मामले कई बार उठे। सम्बन्धित अधिकारियों व उप जिलाधिकारी द्वारा मौके पर जाकर जांच-पड़ताल भी की थी। लेकिन नतीजा कुछ नहीं निकला था। उधर प्रदेश में हो रहे अवैध मौरंग खनन को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बेहद सजग तो दिख रहे हैं लेकिन उनके माननीय ही उनकी मंशा पर पानी फेरने का काम कर रहे हैं। क्योंकि इस पंचवर्षीय में सभी माननीय व सत्ता पक्ष के हनकदार नेता अपनी जेबें भरने में लगे हुए हैं। उन्हें आशंका है कि कहीं इस पंचवर्षीय के बाद सत्ता से उतर गये तो उनका क्या होगा। इसलिए अपनी जेबे भरने में यह माननीय व सत्ता पक्ष के नेता कोई कोर कसर नहीं छोड़ रहे हैं। माननीयों के भ्रष्टाचार के कारण ही योगी सरकार की किरकिरी हो रही है। ऐसा ही एक मामला उस समय प्रकाश में आया जब रानीपुर घाट संचालक ने एक आडियो वायरल कर दिया। इस आडियो में वह अपना दुखड़ा बयान कर रहा है। घाट संचालक का कहना है कि घाट चलाने के लिए उसे तमाम जद्दोजहद करनी पड़ रही है। क्षेत्र के माननीय सहित कई सत्ता पक्ष के नेता उस पर लगातार दबाव बनाए हुए हैं। घाट संचालन के लिए वह माननीय सहित सत्ता पक्ष के नेताओं को प्रतिमाह जहां पांच लाख रूपये पेशगी के रूप में दे रहा है वहीं माननीय द्वारा प्रतिदिन उससे पांच ट्रक मौरंग बिना रायल्टी के ली जा रही है। ट्रकों व ट्रैक्टरों के आवागमन के उसने वीडियो भी बनाये हैं। माननीय व सत्ता पक्ष के वाहन बेरोक टोक सड़कों पर फर्राटा भर रहे हैं। वहीं उसके घाट से निकलने वाले अन्य ट्रकांे को साजिश के तहत किशनपुर पुलिस ने सीज करने का काम किया था। वजह में उसने बताया कि एक सत्ता पक्ष के नेता को उसने पैसा देना बंद कर दिया तो खुन्नस की वजह से उस नेता के इशारे पर किशनपुर पुलिस ने उसके ग्यारह ट्रक सीज कर दिये। बताया कि घाट संचालन के लिए वह जनप्रतिनिधियों की जेबें भरने के लिए विवश है। आडियो में उसका कहना रहा कि सत्ता पक्ष के नेताओं व माननीय के भ्रष्टाचार की शिकायत उसने भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से कर दी है। जल्द ही सारे सबूतों को लेकर वह मुख्यमंत्री की चैखट पर जायेगा और न्याय की गुहार लगायेगा। अब सवाल यह उठता है कि जब प्रदेश में भाजपा की सरकार नहीं थी तो यही नेता अवैध मौरंग खनन को लेकर जमकर हो-हल्ला कर करते थे। तत्कालीन सपा सरकार में हुए अवैध खनन की गाज कई अधिकारियों पर गिरी थी। इतना ही नहीं अवैध खनन सहित अन्य मामलों में तत्कालीन मंत्री गायत्री प्रसाद प्रजापति आज भी जेल की हवा खा रहे हैं। अब यही विपक्ष जब पूर्ण बहुमत के साथ सत्ता में आ गया तो उसी राह पर भाजपाई भी चल रहे हैं और जल्द से जल्द अपनी जेबों को फुल करने के लिए नये-नये तरीके अपना रहे हैं। अब देखना यह होगा कि इस आडियो की बाबत जिले के जिम्मेदार अधिकारी क्या कार्रवाई करते हैं और जब यही शिकायत मुख्यमंत्री की चैखट पर जायेगी तो माननीय व सत्ता पक्ष के नेताओं के ऊपर क्या कार्रवाई होगी।