रायपुर मुआरी में हुआ शानदार मुशायरा एवं कवि सम्मेलन

- कवियों-शायरों ने दिया भाईचारे का पैगाम


फतेहपुर। हथगाम विकास खण्ड के रायपुर मुआरी के बैनर तले एक शाम भाईचारे के नाम अखिल भारतीय मुशायरा एवं कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया। जिसमें दूर-दूर से आए कवियों एवं शायरों ने अपने कलाम पेश किए। थाना प्रभारी अवधेश कुमार मिश्र ने शमा जलाकर सम्मेलन का शुभारंभ किया। संयोजक मोइन सागर ने उनका फूल-मालाओं से स्वागत किया।
मुशायरे का आगाज वरिष्ठ शायर वरिष्ठ शायर सरवर नाथूपुरी ने नाते-पाक से की। मुख्य अतिथि थाना प्रभारी एके मिश्र ने आयोजन की सफलता के लिए शुभकामनाएं देते हुए कहा कि इससे आपसी भाईचारा एवं मेलजोल बढ़ता है तथा गांव आदर्श गांव बन जाता है। मुशायरे में सबसे पहले जीशान बरकाती ने कलाम पेश किया। कार्यक्रम के सबसे आकर्षक हास्य कवि अखिलेश द्विवेदी प्रयागराज ने हास्य रचनाओं से लोगों का खूब मनोरंजन किया और संदेश भी दिया-मोहब्बत के तराने जब लबों तक न आएंगे, वहां पर देशभक्ति के कैसे गीत गाएंगे। फूलपुर से आए मखदूम फूलपुरी ने गीत और गजलों से भाईचारे का संदेश दिया। शीशे के आसपास न सागर के आसपास, हर दिल की आरजू हूं ये दिलबर के आस-पास, अंजाम जानते हुए नादानी देखिए, शीशा हूं फिर भी रहता हूं पत्थर के आस-पास। जानी-मानी शायरा तरन्नुम नाज ने गजलों के साथ देशभक्ति का शानदार गीत पेश किया।बेटी पर उन्होंने पढ़ा- अल्लाह बेटियों को रख अपने अमान में,हालात खौफनाक हैं हिंदुस्तान में। जाने-माने कवि एवं शायर शिवशरण बन्धु हथगामी ने संचालन के साथ-साथ बेहतरीन कलाम पेश किए-मुझको इस दर्जा तू हस्सास बना दे मौला, कोई भूखा हो तो मुझसे भी न खाया जाए। कार्यक्रम के संयोजक अशफाक अहमद पप्पू शैदा मुआरवी,तौसीफ अहमद गाजी हथगामी आदि ने भी खूब पढ़ा। इसके पहले मौलाना मोइनुद्दीन, शैदा मुआरवी, मोइन सागर आदि ने उस्ताद शाइर सरवर नाथूपुरी, हास्य कवि अखिलेश द्विवेदी, आयोजक अशफाक अहमद को शाल भेंटकर सम्मानित किया। कवि सम्मेलन- मुशायरे में राष्ट्रीय एकता, अखंडता, हिंदू-मुस्लिम एकता एवं भाईचारे की मिसाल पेश की गई। कुशल संचालन शिवशरण बंधु हथगामी ने किया जबकि अध्यक्षता सरवर नाथूपुरी ने की। इस मौके पर प्राचार्य जेएन पीजी कालेज रमेशचंद्र, शहंशाह आब्दी, प्रमोद यादव, नफीस प्रधान, मौलाना जुनैद चतुर्वेदी, जैद भाई, डब्लू मुआरी, तौहीद अहमद, गौरव श्रीवास्तव, अमन बन्धु, मो0 असलम, अशफाक मोहलिया, चांद बाबू सहित अनेक संभ्रांत भी मौजूद रहे।