जलसा-ए-जश्न ईद मिलादुन्नबी व अजमते गौस-ए-आजम में सूफ़ी विचार धारा आम करने का दिया गया सन्देश

ऐ लोगों सूफ़ी विचार धारा आम करो : मुफ्ती शमाईल रज़ा खान हशमती

 

कानपुर । बाद नमाज़ ए इशा, जूही लाल कॉलोनी स्थित 56 पार्क में अंजुमन शेर ए रज़ा द्वारा जलसे का आयोजन किया गया। इस जलसे की सरपरस्ती शहजा़द ए मज़हर ए आला हज़रत, हज़रत अल्लामा व माैलाना मुफ्ती मुहम्मद इदरीस रजा़ खाँन साहब किब्ला हशमती ने फरमाई। खुसूसी बयान शहजा़द ए शेरे हिन्दुस्तान हज़रत अल्लामा मुफ्ती शमाईल रजा़ साहब किब्ला हशमती ने फरमाया कि अगर देश को बचाना है तो आत़कवाद पर सख्त करवाही करनी होगी लेकिन किसी भी बेगुनाह को ना लपेटा जाए आैर सूफी विचार धारा को आम करना होगा और ग़रीब नवाज़ सरकार के बताए हुए रास्ते पर चलना होगा।

दूसरा बयान हज़रत अल्लामा मौलाना मुफ्ती अब्दुर्रहमान हशमती साहब ने दिया कि मसलक ए आला हज़रत पर चलना ही अस्ल ज़िन्दगी की कामयाबी है। 

हज़रत अल्लामा मुफ्ती नकीबुर्रहमान हशमती किब्ला तलवार साहब ने कहा की समाज के अन्दर पीराने पीर की ज़िन्दगी सरकार गौ़स पाक के नज़रिये को अपने सामने रखना पङेगा तभी क़ामयाब होगे।

प्रोग्राम का संचालन मुख्य रूप से हज़रत अल्लामा मौलाना सज्जाद रजा़ साहब हशमती ने किया।

इस जलसे में निजामत का शर्फ हासिल किया जलील रजा़ साहब हशमती ने।

उक्त जलसे का आयोजन पीराने पीर दस्तगीर रौशन ज़मीर शेख अब्दुल कादिर जिलानी बड़े पीर सहाब की याद में ग्यारहवीं शरीफ के मौके पर किया गया। अंत में सलातो सलाम का नज़राना अकीदत पेश करते हुए मुल्क हिन्दुस्तान की तरक्की, कामयाबी, खुशहाली, पड़ोसी मुल्क से हिफाज़त के साथ हिंद के मुसलमानों के लिए भी दुआ किया गया। अंजुमन शेरे रज़ा के महासचिव मोहम्मद इमरान खान छन्गा पठान ने आए हुए लोगों का इस्तकबाल करते हुए शुक्रिया अदा किया।

जलसे में अल्लामा फैज़ मोहममद साहब भी मौजूद रहे और शहरे कानपूर के दानिशवर हज़रात भी मौजूद रहे, मौलाना आमिर रज़ा इमाम ईदगाह उस्मानपुर, मोहम्मद इमरान खान छन्गा पठान, उर्स कमेटी सलीम मुशाहिदी, जुनैद रजा़ हशमती, गु़लाम यासीन मुशाहिदी, मेराज रजा़ हशमती, हाफिज़ जीशान रजा हशमती, मो. आसिफ़, मो. मुस्तकीम, मो. मोहिद, जियाउल हसन कादरी(मीनू), वक़ील मोहम्मद, अलीमुल रज़ा हशमती, मोहम्मद सलमान हशमतीं,मोहम्मद फ़ैज़ी रज़वी, मोहम्मद शोएब बरकाती, इम्तियाज अहमद, गुड्डू सिंह, राम बालक कनौजिया, मुन्ना जादे, मुजीब अंसारी, हसीब रज़ा, नाजिश हुसैन, सैय्यद खालिक अहमद, सिराज आलम, हाफ़िज़ इमरान, इनायत अली खान पीर मोहम्मद, वसीक, रिजवान अहमद आदि तमाम लोग मौजूद थे।