कानपुर । बिधनू इलाके में छोटे भाई को स्कूल भेजने के बाद बीएससी की छात्रा ने कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। घटना की जानकारी पर पहुंची पुलिस ने शव को फंदे से नीचे उतारकर आत्महत्या के कारणों को जांच शुरु कर दी है।
बिधनू के मझावन कस्बा निवासी राधेकिशन साहू अपने बड़े बेटे मनीष के साथ दिल्ली में एक फैक्ट्री में काम करते हैं। यहां घर पर पत्नी मुन्नी देवी, बेटी मनीषा (22) व छोटा बेटा आशीष रहते हैं। राधेकिशन की बेटी मनीषा (22) रमईपुर स्थित सहदेव प्रसाद डिग्री कॉलेज में बीएससी फाइनल वर्ष की छात्रा थी। मंगलवार को छात्रा ने रोजाना की तरह भाई आशीष को खाना बनाकर स्कूल भेज दिया और जैसे ही मां मुन्नी देवी घर के बाहर किसी काम से निकली, वैसे ही कमरे में जाकर दुपट्टे सहारे छत पर लगे कुंडे से फांसी लगाकर जान दे दी। मां जब घर के अंदर लौटी तो बेटी का शव फंदे से लटका देख उसके होश उड़ गए। चीख पुकार सुन आस पास के लोग मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी मझावन चौकी इंचार्ज को दी गई। सूचना पर पहुंचे मझावन चौकी इंचार्ज सुभाष चन्द्र ने शव को फंदे से नीचे उतरवाया और जांच के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस के अनुसार मृतका के पास से न ही कोई सुसाइड नोट बरामद हुआ है न ही आत्महत्या करने का कोई कारण ही स्पष्ट हो सका है।
बिधनू के मझावन कस्बा निवासी राधेकिशन साहू अपने बड़े बेटे मनीष के साथ दिल्ली में एक फैक्ट्री में काम करते हैं। यहां घर पर पत्नी मुन्नी देवी, बेटी मनीषा (22) व छोटा बेटा आशीष रहते हैं। राधेकिशन की बेटी मनीषा (22) रमईपुर स्थित सहदेव प्रसाद डिग्री कॉलेज में बीएससी फाइनल वर्ष की छात्रा थी। मंगलवार को छात्रा ने रोजाना की तरह भाई आशीष को खाना बनाकर स्कूल भेज दिया और जैसे ही मां मुन्नी देवी घर के बाहर किसी काम से निकली, वैसे ही कमरे में जाकर दुपट्टे सहारे छत पर लगे कुंडे से फांसी लगाकर जान दे दी। मां जब घर के अंदर लौटी तो बेटी का शव फंदे से लटका देख उसके होश उड़ गए। चीख पुकार सुन आस पास के लोग मौके पर पहुंचे और घटना की जानकारी मझावन चौकी इंचार्ज को दी गई। सूचना पर पहुंचे मझावन चौकी इंचार्ज सुभाष चन्द्र ने शव को फंदे से नीचे उतरवाया और जांच के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है। पुलिस के अनुसार मृतका के पास से न ही कोई सुसाइड नोट बरामद हुआ है न ही आत्महत्या करने का कोई कारण ही स्पष्ट हो सका है।