लोकतंत्र के पहले संस्थापक हैं पैगम्बरे इस्लाम -मौलाना हाशिम अशरफ़ी 

गद्दियाना में जश्ने ईद मिलादुन्नबी से मौलाना हाशिम अशरफ़ी का ख़िताब


कानपुर 4 / नवम्बर - पैगम्बरे इस्लाम ने अपनी मक्की और मदनी ज़िन्दगी में कुरान का पूरा सन्देश पूरी दुनिया के सामने पेश करके इन्सानियत,मानवता,अहिंसा,अखलाक़,भाई चारा,मसावात की शिक्षा दी | आप की उम्र मुबारक वर्ष की हुई तो काबा की तामीर के समय हजरे असवद(पवित्र पत्थर) रखने में मक्का वालों के बीच मतभेद हो गया तलवारें निकल आयीं हर कबीले का सरदार चाहता था कि मेरे हाथों से हजरे असवद(पवित्र पत्थर)  काबा शरीफ़ में रखा जाए | परन्तु पैगम्बरे इस्लाम ने ऐसी सूरत में हर एक का  दिल रखते हुए  एक चादर में हजरे असवद(पवित्र पत्थर)  रखवा कर क़बीलों के सरदारों को चादर का कोना पकड़ने की अनुमति दे दी | और उसके बाद पैगम्बरे इस्लाम ने स्वयं हजरे असवद(पवित्र पत्थर)  को काबे में रखा | पैगम्बरे इस्लाम के इस फैसले ने  जहाँ अरबों के दिल को ठेस न पहुंचने दी वहीँ दुनिया के सामने लोकतंत्र की बुनयाद डाल दी | आप लोकतंत्र के पहले संस्थापक हैं |


उक्त विचार आल इण्डिया ग़रीब नवाज़ कौंसिल के तत्वाधान में आयोजित गद्दियाना में रबी उल अव्वल शरीफ़ के प्रोग्राम को संबोधित करते हुए कौन्सिल के राष्ट्रीय अध्यक्ष मौलाना मो.हाशिम अशरफ़ी इमाम ईदगाह गद्दियाना ने व्यक्त किये | श्री अशरफ़ी ने कहा पैगम्बरे इस्लाम की जीवन शैली तमाम इंसानों से प्रेम उनकी सेवा एवं सहायता की शिक्षा देती है | आप ने रास्ता तंग और गन्दा करने से मना फ़रमाया | समाज के कमज़ोर लोगों बच्चों,महिलाओं, बूढ़े, मजदूर, अपाहिज, गुलाम, मिस्कीन,ग़रीब, ीमार,बे सहारा और परेशान हाल लोगों के साथ अच्छा बरताव करने की ताकीद की  लोगो के साथ अच्छे बर्ताव करके लोगों को इसकी शिक्षा देकर मिसाल पेश की | पैगम्बरे इस्लाम से सच्ची मुहब्बत यह है कि आप की जीवन शैली पर अमल किया जाए | इस से पूर्व जलसे का आगाज़ कुरान पाक की तिलावत से हाफिज मो. मसूद  ने किया | संचालन मो सरताज  ने किया | कारी मो.अहमद  ने नात व मन्क़बत पेश किये | हाफिज अरशद अशरफ़ी आदि उपस्तिथ रहे।