हर हाल में अमन व अमान बरक़रार रखें- मौलाना मो.हाशिम अशरफी

कानपुर 8/ नवम्बर- अक्सा जामा मस्जिद गद्दियाना के इमाम मौलाना मो.हाशिम अशरफी व आल इन्डिया गरीब नवाज़ कौंसिल के राष्ट्रिय अध्यक्ष ने जुमा की नमाज़ में खुतबा से पहले लोगों को अपील करते हुए कहा कि बाबरी मस्जिद का फैसला जल्द ही सुप्रीम कोर्ट सुना सकती है सभी लोगो से अपील है कि कोर्ट का जो भी फैसला आये वह काबिले कुबूल होगा लिहाज़ा हर हाल में अमन व अमां बरक़रार रखें किसी तरह का कोई कमेन्ट फेसबुक,वाट्साप सोशल मीडिया के ज़रिये कोई कमेन्ट न करें | इस से पूर्व अक्सा जामा मस्जिद गद्दियाना में बाद नमाज़-इ- ईशा आल इण्डिया ग़रीब नवाज़ कौंसिल के तत्वाधान में आयोजित में रबी उल अव्वल शरीफ़ के प्रोग्राम को संबोधित करते हुए हाफिज मो अरशद अशरफ़ी ने अपने बयां में कहा कि पैगम्बरे इस्लाम ने बच्चों के साथ नरमी और प्रेम की शिक्षा दी | आप बच्चो से बहुत प्रेम करते उन के साथ अच्छा बरताव और बच्चों को सलाम करते | उन से दिल लगी करते और बच्चों को बहलाते थे | कभी बच्चों के साथ सख्ती न करते | आप ने फरमाया जो बड़ों का आदर न करे और छोटों पर मेहरबानी न करे वह हम में से नहीं | ईद के दिन रस्ते में एक छोटा बच्चा पुराने कपड़ों में रोता हुआ मिला आप ने उस के सर पर हाथ फेरा और प्रेम से उसे नए कपड़े पहनाये और उसे अपना बेटा बना लिया और अपने साथ ईदगाह ले गए उन्हों ने कहा कि बच्चे प्रेम चाहते हैं | उन्हें माता पिता के प्रेम की ज़रुरत होती है | माता पिता का प्रेम न मिलने की वजह से तनाव में रहते हैं | और बात बात पर डांटना,मारना,चीखना,चिल्लाना,झिड़कना,बुरा भला कहना बच्चों को न केवल ढीट और जिद्दी बनाता है बल्कि बच्चे को माता पिता से दूर भी कर देता है फिर बच्चे पर माँ बाप की नसीहत असर नहीं करती और बच्चा बुरी सन्गत में पड़कर बिगड़ जाता है | कभी कभी किडनैपर के झूठे प्रेम में फंसकर किडनैप हो जाता है | इसलिए माता पिता को चाहिए कि पैगम्बरे इस्लाम जीवन से शिक्षा लेकर बच्चों को अपने क़रीब करें उन के दिल जीत लें इस से पहले कि उन्हें खो दिया जाये | हाफिज अरशद ने और कहा कि बच्चे उस व्यक्ति प्रेम करते हैं जो उन के साथ प्रेम और सादगी से पेश आते और उस व्यक्ति से नफरत करते हैं जो गुस्से वाला,बे सबरा हो | बच्चे नेक और अच्छे व्यक्ति को पसंद करते हैं | पैगम्बरे इस्लाम बच्चों का स्वभाव जानकर उनके साथ वैसा बरताव करते जैसे उन की पसंद होती लेकिन पैगम्बरे इस्लाम उन के साथ अपनी सादगी ,दिलजोई और प्रेम के साथ साथ उन के स्वभाव,किरदारअखलाक़,उनकी शख्सियत सँवारने और उन्हें कामयाब बनाने की कोशिश करते थे| उन्हों ने कहा खाने पीने में भी बच्चों का विशेष ध्यान रखें पहले बच्चों को खिलाए फिर खुद खाए | नबी का फरमान है दस्तरख्वान पर पहले बच्चों का हाथ धुलाएं फिर बड़ों का ताकि बच्चे एहसास ए कमतरी का शिकार न हो|  इस से पूर्व जलसे का आगाज़ कुरान पाक की तिलावत से हाफिज मो. मुश्ताक़ ने किया | |वारिस कादरी,मुख़्तार अहमद  ने नात व मन्क़बत पेश किये | मुल्क में अमनो शांति और तरक्की की दुआओं और सलातो सलाम पर जलसे का समापन हुआ |प्रमुख रूप से हाजी हबीब,हाजी सुलेमान,हाजी अज़मत,हाजी इम्तियाज़,हाजी अरबी हसन,सुब्बा अली,शमशाद गाजी,महताब आलम,शेरा,कमरुद्दीन,शकील अहमद,मुन्ना भाई,सबीर अली,मो.आसिफ,वाजिद अली आदि उपस्तिथ रहे