छात्र न होता तो राष्ट्रपति की मर्यादा न आने देती कानपुर विश्वविद्यालय - राष्ट्रपति 

- देश को नॉलेज और सुपर पावर बनाने का भारत सरकार का है लक्ष्य
- सभी वर्गां के सर्वांगीण विकास से पूरा होगा शिक्षा का उद्देश्य


कानपुर । राष्ट्रपति बनने के बाद मुझे पता चला कि मैं किसी भी राज्य के विश्वविद्यालय में बतौर राष्ट्रपति नहीं जा सकता, यह राष्ट्रपति की मर्यादा होती है। ऐसे में अपने विश्वविद्यालय कानपुर और आगरा पहुंचना मुश्किल हो गया। जिस पर मंथन किया गया और यह सुनिश्चित हुआ कि अपने विश्वविद्यालय बतौर पूर्व छात्र के रुप में पहुंच सकते हैं और इसी के चलते आज मैं अपने विश्वविद्यालय पूर्व छात्रों के सम्मेलन में आ सका। अगर मैं यहां का छात्र न होता तो राष्ट्रपति की मर्यादा कानपुर विश्वविद्यालय न आने देती। यह बातें शनिवार को कानपुर विश्वविद्यालय (छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय) में आयोजित पूर्व छात्र सम्मेलन में देश के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहीं। 
राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद अपने गृह जनपद कानपुर के दो दिवसीय दौरे पर शनिवार को शहर आये। पहले दिन पीएसआईटी में रीसेंट एडवांसमेंट्स इन कंप्यूटर साइंस कम्युनिकेशन एंड इनफॉरमेशन टेक्नोलॉजी विषय पर आयोजित अंतरराष्ट्रीय कॉन्फ्रेंस में भाग लेने के बाद कानपुर विश्वविद्यालय पहुंचे। यहां पर पूर्व छात्र सम्मेलन को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने कहा कि इसी शहर से मेरी इंटर तक की शिक्षा बीएनएसडी इंटर कालेज और स्नातक डीएवी कालेज से हुई। मेरा सौभाग्य रहा कि बीकॉम की डिग्री आगरा विश्वविद्यालय और एलएलबी की डिग्री कानपुर विश्वविद्यालय से मिली, क्योंकि 1966 के पहले कानपुर के डिग्री कालेज आगरा विश्वविद्यालय से संबद्ध थे। 
अपने छात्र जीवन को याद करते हुए उन्होंने कहा कि मैं स्कूल कॉलेज का छात्र जीवन कभी नहीं भूल सकता। मैं भी अपने स्कूल चुन्नीगंज (कानपुर) जाना चाहता हूं। जहां से मैंने इंटर की पढ़ाई की। पिछली बार मैं जब वहां से गुजरा तो मेरे सामने मेरा पूरा छात्र जीवन गुजर गया लेकिन प्रोटोकाल की वजह से मैं जा नहीं पाता हूं। मुझे अपना डीएवी कॉलेज बहुत याद आता है। छात्रों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा ये स्कूल और कॉलेज का जीवन अनमोल होता है। इसे कभी कोई नहीं भूल सकता है। राष्ट्रपति ने अपने-अपने क्षेत्रों में बेहतरीन काम करने वाले कानपुर के पांच लोगों को सम्मानित किया है। जिसमें जेके ग्रुप के अभिषेक सिंहानियां को अटल बिहारी वाजपेयी लाइफ टाइम अचीवमेंट अवार्ड से सम्मानित किया गया।
एंडोवमेंट फंड में दिये एक लाख ग्यारह हजार रुपये
राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले माह राष्ट्रपति भवन में दिल्ली आईआईटी के पूर्व छात्रों के समूह द्वारा एक कार्यक्रम आयोजित किया गया। जिसमें मुझे 250 करोड़ रुपये के एंडोवमेंट फंड का उद्घाटन करने का अवसर मिला। उस दिन से मुझे यह अहसास हुआ कि इस तरह का एंडोवमेंट फंड सभी विश्वविद्यालयों में होना चाहिये। जिससे जरुरतमंद छात्रों को सहयोग मिल सके और हर वर्ष पूर्व छात्रों का सम्मेलन भी होना चाहिये। लेकिन यह ध्यान रखना जरुरी है कि सम्मेलन का उद्देश्य आर्थिक सहयोग नहीं होना चाहिये। इसी उद्देश्य को लेकर आज मैं पूर्व छात्र होने के नाते अपने विश्वविद्यालय को एक लाख ग्यारह हजार रुपये का एंडोवमेंट फंड दे रहा हॅूं और उम्मीद करता हॅूं कि इस नेक कार्य में पूर्व छात्र बढ़-चढ़कर भाग लेंगे। इसका उद्देश्य पूर्व छात्रों के अनुभवों से वर्तमान छात्रों को फायदा मिलना चाहिए। किसी ने विज्ञान, कला, संस्कृति, गयान, तकनीकी के क्षेत्र में अच्छा काम किया होगा तो वह अपने अनुभव जरुर साझा करेगा। जिसका लाभ विश्वविद्यालय और महाविद्यालयों को मिलेगा। राष्ट्रपति ने पूर्व छात्रों से विश्वविद्यालय को तकनीकी तथा आर्थिक रुप से मजबूत करने की अपील की। 
सुपर पावर बनेगा देश 
राष्ट्रपति ने कहा कि भारत सरकार की नई शिक्षा नीति का लक्ष्य है कि देश को नॉलेज और सुपर पावर बनाने का। यह लक्ष्य तभी पूरा हो सकता है जब शिक्षण संस्थाओं को जिज्ञासा, प्रयोग और कौशल का केन्द्र बनाया जाये। इस नई नीति के सफल होने से देश निश्चित रुप से सुपर पावर बनेगा। राष्ट्रपति ने कहा कि शिक्षा का उद्देश्य तभी पूरा होगा जब विकास सर्वांगीण हो और सभी वर्गां का हो। मैं आशा करता हॅूं कि कानपुर विश्वविद्यालय और पूर्व छात्र देश के भविष्य को संवारने में अपनी भूमिका निभाते रहेंगे। 
शोध और नवाचार का केन्द्र बने शिक्षा संस्थान
राष्ट्रपति ने कहा कि इसी महीने की 23 और 24 तारीख को नई दिल्ली में राज्यपालों और उपराज्यपाल के सम्मेलन में उच्चतर शिक्षा पर अलग से विशेष सत्र रखा गया था। सम्मेलन के दौरान मैंने खुद सभी राज्यपालों से आह्वान किया था कि चांसलर के रुप में विश्वविद्यालयों के संरक्षक का दायित्व निभाते हुए उन्हें हमारी उच्चतर शिक्षा संस्थाओं को शोध वह नवाचार का केंद्र बनाना है। राष्ट्रपति ने कहा कि उच्च शिक्षा पर गठित राज्यपालों व उपराज्यपालों के समूहों की संयोजिका आपके प्रदेश की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल रहीं। 
60 वर्ष पूरे होने पर टॉप टेन में पहुंचे विश्वविद्यालय
राष्ट्रपति ने कहा कि मुझे बताया गया कि छत्रपति शाहू जी महाराज विश्वविद्यालय वर्ष 2018 के एक सर्वेक्षण में देश में 17वां और प्रदेश में पहला स्थान हासिल किया है। मैं आशा करता हॅूं कि जब विश्वविद्यालय सात वर्ष बाद अपना 60वां स्थापना वर्ष मनाये तो टॉप टेन में पहुंच सके। इस दौरान विश्वविद्यालय की कुलपति नीलिमा गुप्ता ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद के सामने विश्वविद्यालय को केंद्रीय दर्जा देने की मांग रखी।