गांधी जयंती के अवसर पर ऑल इंडिया पयामे इंसानियत फोरम के आर्थिक मदद से कानपुर जेल से 7 बंदी रिहा


कानपुर :- गांधी जयंती के अवसर पर आज ऑल इंडिया पयामे इंसानियत फोरम की आर्थिक मदद से कानपुर जेल से 7 कैदियों की रिहाई अमल में आई। यह कैदी सजा की अवधि पूरी होने के बावजूद आर्थिक जुर्माना अदा ना करने की वजह से जेल में बंद थे। मालूम हो कि आल इंडिया पयामे इंसानियत फोरम और जमीअत उलमा हिंद ऐसे बंदियों की रिहाई के लिए बराबर मदद करती रही है। इसी साल स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर पयामे इंसानियत फोरम के प्रयासों से 11 कैदी उसके बाद फिर 6 कैदी यानी 17 कैदी रिहा हुए थे।
आज गरीब कैदियों की रिहाई के अवसर पर जमीयत उलमा यूपी के अध्यक्ष और ऑल इंडिया पयामे इंसानियत फोरम के वरिष्ठ सदस्य मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक उसामा कासमी ने मौजूद सदस्यों के साथ रिहा होने वाले तमाम कैदियों को घर तक जाने के लिए किराया खर्च, नाश्ता, पानी वगैरह दिया और उसके साथ ही उन्हें आगे से अच्छी और नेक जिंदगी गुजारने और कोई ऐसा काम ना करने की नसीहत की जिसकी वजह से अपनी जिंदगी का कीमती हिस्सा जेल में बंद रहकर गुजारना पड़े। मौलाना उसामा कासमी ने वहां मौजूद सभी लोगों को बताया कि मानवता की सेवा ही सबसे बड़ी सेवा है और इस्लाम की शिक्षाओं में गुलाम और कैदियों की रिहाई का हुक्म मौजूद है। नबी हजरत मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम ने विभिन्न अवसरों पर कैदियों की रिहाई की शिक्षा दी है और इसको सवाब का काम  बताया है। पयामे इंसानियत फोरम ने उन्हीं शिक्षाओं को सामने रखते हुए उस पर अमल करके मानवता की सेवा की एक मिसाल कायम की और आगे भी अन्य ऐसे कैदियों की मदद करके उनकी रिहाई कराने की योजना है।
वहां मौजूद सैयद आसिफ अली ने कहा कि मजलूम और परेशान लोगों की बिना धार्मिक भेदभाव मदद करना इस्लाम का पैगाम है, हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि सल्लम पूरी दुनिया के लिए रहमत बनकर आए बिना धार्मिक भेदभाव के सबके साथ अच्छा व्यवहार, मजलूमों की मदद, पड़ोसियों बीमारों भूखों गरीबों की हमदर्दी और खैर ख्वाही हुजूर सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की शिक्षाओं का महत्वपूर्ण भाग हैं। जमीयत उलमा कानपुर के उपाध्यक्ष मौलाना मुहम्मद अनीस खां कासमी ने कहा कि आप सल्लल्लाहु अलैहि वसल्लम की रहमत वाली शिक्षाओं पर अमल करते हुए ऑल इंडिया पयामे इंसानियत फोरम कानपुर यूनिट ने जेल में बंद उन कैदियों को जिनकी सजा पूरी हो चुकी थी लेकिन पैसे ना होने की वजह से रिहाई नहीं हो रही थी। जेल प्रशासन से संपर्क करके उनके जुर्माने की रकम अदा करके आज उनको जेल से रिहाई दिलाई। आज रिहा होने वाले 7 कैदियों विजय पुत्र श्री राम थाना कर्नलगंज, अजय शर्मा पुत्र कल्लू थाना काकादेव, राजेश पुत्र द्वारिका प्रसाद थाना जूही, जितेंद्र बाथम पुत्र रामप्रकाश थाना जीआरपी, बबलू साहू पुत्र हरिनारायण साहू थाना बादशाही नाका, सर्वेश पुत्र कल्लू राठौर थाना छावनी, राम सजीवन पुत्र भगवानदीन की विशेषता यह थी की तमाम कैदी गैर मुस्लिम थे। इससे पूर्व मुस्लिम कैदियों को भी रिहा कराया गया था। उन्होंने कहा कि हमारी संस्था नबी की सुन्नत पर अमल करते हुए बिना धार्मिक भेदभाव के सभी गरीबों और परेशान लोगों के लिए काम करती है , किसी के साथ भी धर्म जात बिरादरी और वर्ग के नाम पर भेदभाव नहीं करती । अंत में मौलाना उसामा ने कहा कि हमारी संस्था ने जेल प्रशासन से कहा है कि वह बिना धार्मिक भेदभाव के ऐसे कैदियों की लिस्ट हमें मुहैया कराते रहें, इंशाअल्लाह ऑल इंडिया पयामे इंसानियत फोरम और जमीयत उलमा उनकी रिहाई के लिए आर्थिक मदद पेश करती रहेगी
सैयद आसिफ अली, डॉक्टर एस ए उस्मानी और मौलाना अनीस ख़ां ने कानपुर जेल के इंचार्ज से मुलाकात की और जरूरी कार्रवाई मुकम्मल कराई। इस दौरान मौलाना मुहम्मद मतीनुल हक़ कासमी, सैयद आसिफ अली, मौलाना मुहम्मद अनीस खां कासमी, डॉ एस ए उस्मानी के साथ डॉक्टर मुस्तजाब, मौलाना फरीदुद्दीन कासमी, मुफ्ती इजहार मुकर्रम कासमी, मौलाना मुहम्मद सअद नदवी, मौलाना इरफान मजाहिरी, मौलाना कनातुल्लाह मजाहिरी, रफत अली खान , मुहम्मद अनस, मुहम्मद हातिम के अलावा अन्य लोग मौजूद थे। इस अवसर पर जेल प्रशासन ने आर्थिक मदद पेश करने के लिए ऑल इंडिया पयामे इंसानियत फोरम और जमीयत उलमा का शुक्रिया अदा किया।